Ganesh Chaturthi;गणपति विसर्जन भारत में मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है, जहां भक्त गणेश चतुर्थी के समापन पर भगवान गणेश की प्रतिमा को जल में विसर्जित करते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और इसके पीछे गहरी धार्मिक और पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। खास बात यह है कि इसका संबंध महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथ से भी बताया जाता है। महाभारत की कुछ कथाओं के अनुसार, गणेश विसर्जन ब्रह्मांड के चक्र और जीवन-मृत्यु के प्राकृतिक संतुलन का प्रतीक है। इस लेख में हम जानेंगे कि गणेश प्रतिमा को जल में बहाने के पीछे कौन-सी पौराणिक और सांस्कृतिक धारणाएं काम करती हैं।
गणेश चतुर्दशी और विसर्जन
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेशोत्सव की शुरुआत होती है, जिसे पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना की जाती है, जो ‘विघ्नहर्ता’ और ‘सिद्धिदायक’ के रूप में पूजित होते हैं। गणेश जी की यह प्रतिमा मिट्टी से बनाई जाती है, जो प्रकृति के पांच तत्वों का प्रतीक मानी जाती है। प्रतिमा की स्थापना शुभ मुहूर्त में की जाती है, और भक्तगण पूरे उत्साह के साथ भगवान गणेश का आवाहन करते हैं, उन्हें अपने घरों और मंडपों में विराजमान करते हैं।
गणेशोत्सव के दौरान, प्रतिदिन गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना, आरती और प्रसाद वितरण किया जाता है। भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और विघ्नों के निवारण के लिए श्रद्धा से भगवान गणेश की पूजा करते हैं। यह उत्सव कुल 10 दिनों तक चलता है, जिसके दौरान गणेश जी की महिमा और उनकी कृपा का अनुभव भक्तगण करते हैं।
विसर्जन के समय जरूर करें ये विशेष उपाय
विसर्जन के समय भगवान गणेश की विदाई एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान होता है, जिसे पूरे श्रद्धा और विधिपूर्वक करना आवश्यक है। ऐसा माना जाता है कि गणेश विसर्जन के समय कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और विघ्नों का नाश होता है। यहां कुछ विशेष उपाय बताए जा रहे हैं जिन्हें विसर्जन के दौरान अवश्य करना चाहिए:गणेश जी का विशेष पूजन
विसर्जन से पहले गणेश जी की विदाई आरती और विशेष पूजन करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दौरान उनकी प्रिय वस्तुओं जैसे मोदक, फल, गुड़, दूर्वा और फूल अर्पित करें। इससे भगवान गणेश प्रसन्न होकर आपके जीवन में सुख-शांति का वरदान देते हैं।विसर्जन के समय घर की साफ-सफाई विसर्जन के दिन घर की साफ-सफाई करना और पूजा स्थल को अच्छे से सुसज्जित करना जरूरी है। इसे धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि साफ-सुथरे वातावरण में पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।