सुप्रीम कोर्ट द्वारा जब योगी सरकार से सवाल किया कि आखिर उन्होंने क्यों हाथरस कांड में पीड़िता के शव को रातों रात जलाने का कारण पूछा तो उनके जवाब में योगी सरकार ने अपने इस कृत्य का सच बताया।
क्या था योगी सरकार का जवाब
सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर योगी सरकार ने जवाब दिया की उसे ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि अगर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए सुबह होने का इंतजार किया जाता तो बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती थी।योगी सरकार ने हाथरस केस में हलफनामा दायर कर सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई जांच का निर्देश देने की मांग की। उसने मामले में अब तक हुई जांच का विस्तृत ब्योरा सुप्रीम कोर्ट को सौंपा और दावा किया कि कुछ निहित स्वार्थ वाली ताकतें निष्पक्ष न्याय के रास्ते में रोड़ा अटका रही हैं।
महिला के प्रति अपराध में हुई वृद्धि
इससे पहले, राज्य के पुलिस महानिदेशक एच. सी. अवस्थी ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में भी ऐसी ही दावा किया था। उन्होंने कहा कि उस रात ऐसा माहौल बन गया था कि शव को गुपचुप तरीके से जलाने को मजबूर होना पड़ा।
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बदनाम करने के लिए चलाए जा रहे अक्रामक अभियान
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का नोटिस मिलने का इंतजार किए बिना ही अपनी तरफ से ऐफिडेविट फाइल कर दिया। उसने कहा कि हाथरस कांड के बहाने राज्य सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया, टीवी और प्रिंट मीडिया पर आक्रामक अभियान चलाए गए। उसने कहा, ‘चूंकि यह मामला पूरे देश के आकर्षण के केंद्र में आ गया है, इसलिए इसकी केंद्रीय एजेंसी से जांच होनी चाहिए।’ उसने सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई जांच की निगरानी करने का भी आग्रह किया।
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सीबीआई जांच की करी सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट को योगी सरकार द्वारा बताया गया कि वह सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुकी है ताकि निहित स्वार्थों की ओर से फैलाए जा रहे झूठ और प्रपंच से पर्दा उठ सके। कोर्ट आज इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई करने जा रहा है। इससे पहले, राज्य के पुलिस महानिदेशक एच. सी. अवस्थी ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में भी ऐसी ही दावा किया था। उन्होंने कहा कि उस रात ऐसा माहौल बन गया था कि शव को गुपचुप तरीके से जलाने को मजबूर होना पड़ा।