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उत्तर प्रदेश: फर्जी शिक्षको की खैर नहीं, मुख्यमंत्री योगी हुए सख्त वसूला जाएगा 900 करोड़ रुपया

उत्तर प्रदेश: फर्जी शिक्षको की खैर नहीं, मुख्यमंत्री योगी हुए सख्त वसूला जाएगा 900 करोड़ रुपया
उत्तर प्रदेश (UP) के बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा सामने आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त कदम उठाया हैं। जाँच के आधार पर फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज पर नौकरी करने वाले अभी 1427 शिक्षक सामने आ गये हैं। सरकार ने इनकी कुंडली भी तैयार कर ली है. इसके तहत इन सभी फ़र्ज़ी शिक्षको से 900 करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी. प्राथमिक बच्चो की शिक्षा की नींव माने जाने वाले बेसिक शिक्षा में इस तरह का फर्जीवाड़े ने लोगों को चौंका दिया है.
ऐसी जानकारी मिली है कि शिक्षकों के साथ विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों पर भी सरकार की निगाहेँ टेढ़ी हो चुकी है और जल्द ही तत्कालीन अधिकारियो व कर्मचारियों पर भी जाँच शुरु की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा.
गौरतलब है कि फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला का मामला सामने आने पर सरकार ने पूरे जिले के शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र का  पुनः वेरीफिकेशन कराया,  जिस पर  1427 फर्जी शिक्षक पकड़े गए हैं। इनमें से 930 की सेवा समाप्त कर दी गयी है, जबकि 497 के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। अब सरकार की नजर मदद पहुंचाने वालों पर है। इन्हें भी बख्शा नहीं जायेगा।
बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने प्रदेश के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का ब्योरा मांगा है। ऐसी जानकारी मिली है कि सरकार एक-एक शिक्षक से 60-60 लाख की वसूली करेगी. बताया जा रहा है कि तीन जुलाई तक पूरा विवरण निदेशालय आ जायेगा। उसके बाद अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा के कार्यालय में रिपोर्ट पहुंचने पर वसूली की कार्रवाई होगी।
प्रदेश में स्पेशल टास्क फोर्स, आगरा के डॉ. भीमराव अबेडकर यूनिवर्सिटी में बीएड की फर्जी डिग्री मिलने के बाद से जांच में लगी थी। यहां पर एसटीएफ को करीब साठ प्रतिशत फर्जी डिग्री मिलने के बाद सनसनी फैल गयी। इन्हीं फर्जी डिग्री की मदद से प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग शिक्षक बनकर सरकारी स्कूलों में पहुंचे।

अनामिका शुक्ला मामले ने मचाई खलबली…

1427 फर्जी शिक्षकों में से 117 शिक्षक 50 करोड़ से ज्यादा सैलरी के रूप में ले चुके हैं। ताज्जुब की बात तो यह है इतनी बड़ी संख्या के फर्जी शिक्षक तो केवल एटा के ही हैं. अनामिका शुक्ला प्रकरण भी यही से सामने आया था। फिलहाल इन सभी फर्जी शिक्षकों को नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस मिलने के एक सप्ताह के भीतर पैसा जमा करने के लिए कहा गया है। इनका निर्धारित समय में पैसा जमा नहीं हुआ, तो आरसी काट दी जायेगी।
यहां आपको बता दे कि अनामिका शुक्ला के नाम से 25 जिलों मे महिलाये बतौर शिक्षक तैनात थी जबकि वास्तविक अनामिका शुक्ला बेरोजगार थी. उनके शैक्षणिक दस्तावेज का गलत ढंग से कुछ शिक्षा माफिया ने इस्तेमाल किया था.
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