मुम्बई- बॉलीवुड में कई सालों से नेपोटिज्म का मुद्दा गर्माया हुआ है। बीच- बीच में इस मुद्दे पर बहस होती और फिर ये शांत पड़ जाता है। लेकिन बीते दिनों अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद एक बार फिर से नेपोटिज्म पर बड़ी बहस शुरू हो गई है। कई बड़े कलाकारों के साथ लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
इसी बीच भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री अक्षरा सिंह ने कहा है कि उनको भी इंडस्ट्री के लोगों ने काफी परेशान किया था। बल्कि ऐसे समझना चाहिए कि उन्हें सुशांत की तरह की परेशान किया गया बस आजिज आकर उन्होंने आत्महत्या नहीं की। अक्षरा सिंह ने ये बातें एक न्यूज चैनल के फेसबुक लाइव कार्यक्रम में कहीं।
डिप्रेशन में चली गईं थी अक्षरा
अक्षरा ने बताया कि दो सालों उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि पूरी भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री उनके खिलाफ एकजुट हो गई और उन्हें वहां से हटाने पर तुल गई। उनके बारे में कई खराब बातें फैलाई गई जो किसी भी लड़की के लिए बेहद दुख पहुंचाने वाली थीं। वो ऐसा दौर था जिसने अक्षरा सिंह को डिप्रेशन में ढकेल दिया।
अक्षरा का कहना है कि इस दौर में पूरी भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से उनके साथ कोई खड़ा नहीं हुआ। शायद ही एक-दो लोगों के कभी सांत्वना देने के लिए भी फोन किया हो। साथ ही उन्हें सभी फिल्मों से निकाला जा रहा था। उन्हें यह कहकर फिल्मों और गानों से निकाल जा रहा था कि उनको लेने से प्रोड्यूसर को नुकसान हो जाएंगे।
स्टार किड्स को भी ऑडिशन देने चाहिए
अक्षरा सिंह ने एक वीडियो साझा कर कहा है कि स्टार किड्स को इंडस्ट्री में आने का मौका आसानी से मिल जाता है। जो कलाकार बनना चाहते हैं, प्रतिभाशाली हैं, ऐसे सभी लोगों को मौका मिलना चाहिए। स्टार किड्स को भी संघर्ष से गुजरना चाहिए। उन्हें भी ऑडिशन देने चाहिए।
बता दें कि बीते दिनों अक्षरा सिंह ने सुशांत के घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। इसके साथ ही उन्होंने सुशांत के पिता केके सिंह से मुलाकात की थी। इस दौरान अक्षरा की आंखें नम थीं। अक्षरा ने कहा था कि एक बहुत अच्छा इंसान चला गया। सुशांत को खोने का गम हर स्टार को है।