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दिशा पटानी की फौजी बहन असल जिंदगी में बनी हीरो, 8 माह की मासूम बच्ची की बचाई जान, फिर….

Disha Patani'S Army Sister Saved The Life Of An 8-Month-Old Innocent Girl
Disha Patani's army sister saved the life of an 8-month-old innocent girl

Disha Patani: आजकल बहुत कम लोग हैं जिनमें थोड़ी सी भी इंसानियत बची हुई है. और जब इंसानियत बोलती है तो सिर्फ इंसानियत दिखती है, पहचान नहीं. ऐसा ही एक वीडियो बरेली से सामने आया है. बॉलीवुड अभिनेत्री (Disha Patani) की बहन और पूर्व आर्मी ऑफिसर खुशबू पटानी ने इस झोपड़ी से एक लावारिश छोटी बच्ची की जान बचाई.

यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. चलिए आगे जानते हैं खुशबू ने कैसे बचाई बच्ची की जान?

Disha Patani की बहन ने बचाई बच्ची की जान 

उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में अपने फॉलोअर्स से यह भी वादा किया कि वह लड़की की अच्छी परवरिश और उसके लिए उपयुक्त घर सुनिश्चित करेंगी. कैप्शन में लिखा था, “जाको राखे साइयां, मार सके ना कोई। मुझे उम्मीद है कि अधिकारी उसका ध्यान रखेंगे और काम उचित नियमों और विनियमों के तहत किया जाएगा.”

कृपया हमारे देश में बालिकाओं को बचाएँ! ऐसा कब तक चलेगा? मैं यह सुनिश्चित करूँगा कि वह सही हाथों में जाए और उसका जीवन अब से खुशहाल हो! क्योंकि जो कुछ भी किस्मत में लिखा है वह अच्छे के लिए है, कोई भी इसे बदल नहीं सकता हे कृष्ण।

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जानें पूरा मामला

बिहार के मधुबनी जिले की रहने वाली गुफरान नाम की महिला अपनी आठ महीने की बेटी इनायत के साथ रविवार सुबह ट्रेन से बरेली आई थी. सुबह करीब सात बजे वह गुफरान जंक्शन पर उतरी. यहां से उसे बिहार में अपनी मां के घर जाने के लिए दूसरी ट्रेन पकड़नी थी. इस दौरान बच्ची को भूख लगी तो गुफरान ने उसे चौराहे पर बैठे नशे में धुत एक युवक को सौंप दिया और यह कहकर चला गया कि थोड़ी देर में वापस आ जाएगी.

बताया जाता है कि नशे में धुत युवक करीब आधे घंटे तक बच्ची के साथ बैठा रहा. फिर जब उसने देखा कि उसकी मां नहीं आ रही है तो वह लड़की को लेकर रेलवे लाइन के पास चला गया और चौफुला के पास पुरानी पुलिस लाइन के खंडहर क्वार्टर में उसे छोड़कर चला गया.

 कीचड़ में लथपथ हालत में मिली बच्ची

बरेली पुलिस से रिटायर्ड सीओ जगदीश (Patani) (अभिनेत्री दिशा पाटनी के पिता) का घर पुरानी पुलिस लाइन की दीवार से सटा हुआ है. रविवार सुबह उनकी पत्नी पद्मा पाटनी घर की सफाई कर रही थीं. जब उसने बच्चे को रोते हुए सुना तो उसने अपनी बेटी खुशबू पाटनी को बताया. सेना में मेजर के पद से वीआरएस लेने के बाद वह करीब एक साल से अपने माता-पिता के साथ रह रही हैं.

खुशबू तुरंत दीवार फांदकर दूसरी तरफ गई जहां उसने खंडहर में बच्चे को रोते हुए पाया. फिर उसने अपनी मां को भी बुलाया. बच्ची इनायत झोपड़ी में कीचड़ में लथपथ पड़ी लावारिस की तरह. यहां खुशबू और उसकी मां ने बच्ची को नहलाया-धुलाया और दूध पिलाया.

गुफरान को उसकी बेटी मिली या नहीं?

बच्ची को जब कुछ राहत मिली तो खुशबू ने फार्म हाउस से अपने पिता जगदीश (Patani) को बुलाया. उन्होंने सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव को सूचना दी और फिर बच्ची को चाइल्ड लाइन की देखरेख में जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती करा दिया गया. फिर कोतवाली पुलिस ने बच्ची के बारे में माइक से सूचना प्रसारण कराना शुरू कर दिया.

इस बीच बच्ची की मां गुफरान जंक्शन के आसपास भटकती रही लेकिन न तो जीआरपी और न ही आरपीएफ ने उसकी कोई सुध ली. महिला जब हताश होकर थाने पहुंची तो उसे बच्ची दिखाकर उसकी पहचान कराई गई. गुफरान अपनी बेटी को पाकर बहुत खुश थी.

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