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फेमस होने के बाद भी संजय मिश्रा ऋषिकेश के ढाबे पर धोते थे बर्तन, बताई ऐसा करने की वजह

फेमस होने के बाद भी संजय मिश्रा ऋषिकेश के ढाबे पर धोते थे बर्तन, बताई ऐसा करने की वजह

मुंबई:अक्सर हम कलाकारों को टीवी या बड़े परदे पर देखकर उनके जैसा बनने की कोशिश करते हैं, लेकिन क्या आप जाते हैं ये कलाकार परदे पर एक्टिंग को नेचुरल दिखाने के लिए कितनी मेहनत करते हैं. ऐसे में आज हम आपको बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर संजय मिश्रा के बारे में बातएंगे.

जानकारी के मुताबिक अपनी नेचुरल एक्टिंग के लिए जाने जाने वाले एक्टर संजय मिश्रा लोगों के दिलों में अपनी एक अलग ही जगह बनाई है. संजय मिश्त्रा को हिंदी सिनेमा में पहला ब्रेक ‘ओह डार्लिंग ये हैं इंडिया’ से मिला. इसके बाद वह राजकुमार, सत्या जैसी फिल्मों में छोटे रोल किया करते थे, लेकिन फिल्म आंखों देखी में संजय मिश्रा के एक्टिंग को पहली बार नोट किया गया. इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर क्रिटिक अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्टर के अवॉर्ड से नवाजा गया.

रोहित शेट्टी के एक फोन ने बदल दी संजय की किस्मत, इन फिल्मों में किया काम

लेकिन क्या आप जानते हैं इतना नेम फेम पाने के बाद भी संजय मिश्रा ने अचानक फिल्मों से दूरी बना ली थी. वह सब कुछ छोड़कर उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक ढ़ाबे पर काम करने लगे. ऐसे में चलिए जानते हैं कि संजय मिश्रा ने क्यों फिल्मों को छोड़कर ढ़ाबे में काम करना शुरु किया था.

फिल्में छोड़कर ढ़ाबे में करने लगे काम

बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाने के बाद भी एक दिन संजय मिश्रा सब कुछ छोड़ ऋषिकेश चले गए थे. वह पेट भरने के लिए ऋषिकेश के एक ढाबे पर बर्तन साफ़ करने और चाय बनाने का काम करने लगे थे.

संजय को लगा था पिता की मौत का सदमा

पिता के मौत होने पर संजय मिश्रा को गहरा सदमा लगा था. जिसके बाद उन्होंने ऋषिकेश जाने का फैसला कर लिया. क्योंकि उन्हें नेम फेम नहीं चाहिए था उनके मन में वैराग्य पैदा हो गया. सांय का किसी चीज में भी मन नहीं लगता था. हालांकि पेट पालने के लिए उन्होंने ढाबे पर काम करना पड़ा.

पिता की मौत का लगा था संजय मिश्रा को सदमा, छोड़ दी थी फ़िल्मी दुनिया

एक फोन से फिर बदली संजय मिश्रा की किस्मत

ऋषिकेष में रहने दौरान संजय मिश्रा को एक दिन बॉलीवुड इंडस्ट्री के फेमस डायरेक्टर रोहित शेट्टी का फोन आया और उन्होंने उन्हें समझाते हुए वापस मुंबई बुला लिया. रोहित शेट्टी उनसे रिक्वेस्ट की वह मुंबई चले आए. ऐसे में संजय उन्हें मना नहीं कर पाए वह मुम्बई लौट आए. जिसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर सुपरहिट फिल्मों में कम किया.

एक्टिंग से दूर-दूर तक नहीं था नाता

अपनी नेचुरल एक्टिंग से सभी को हंसाने वाले संजय मिश्रा के पिता शंभूनाथ मिश्रा एक जर्नलिस्ट थे और दादा आईएएस ऑफिसर थे. उनके घर में हमेशा पढ़ने लिखने का माहौल रहा था. इस बीच संजय मिश्रा ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग का कोर्स किया और फिर फिल्मों में एक्टिंग करने मुंबई आ गए.

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