मुंबई : बॉलीवुड की पहली महिला अभिनेत्री जोहरा सहगल को गूगल की ओर से डूडल समर्पित किया गया है. इस डूडल में जोहरा सहगल क्लासिकल डांस की मुद्रा हैं और डुडल के पीछे का भाग फ्लोरल का बना हुआ है. बता दें कि इस डूडल को पार्वती पिल्लई ने डिज़ाइन किया है. जोहरा सहगल की फिल्म “नीचा नगर” कान्स फिल्म फेस्टिवल पर रिलीज हुई थी और फिल्म ने कान्स फिल्म फेस्टिवल का सबसे बड़ा अवॉर्ड “पाल्मे डी” से नवाज़ा गया था.
बचपन में बहुत शरारती थीं जोहरा सहगल
जोहरा सहगल का पूरा नाम साहिबजादी जोहरा मुमताजुल्ला खान बेगम था. जोहरा सहगल का जन्म 1912 में हुआ था और 102 साल की उम्र यानि साल 2014 में जुलाई महीने में मृत्यु हो गयी. बता दें कि जोहरा रामपुर रियासत के नवाब खानदान की बेटी थी. जोहरा को बचपन में खेलना-कूदना, आसपास के लोगों को परेशान करना, राह चलते लोगों को परेशान करना बेहद पसंद था या यूँ कहें कि वो इस आदत की आदि थीं.
माँ के गुजरने के बाद लाहौर चली गई और फिर अपने सपनों को पूरा करने के लिए जर्मनी गई
जोहरा की छोटी उम्र में ही इनकी माँ का निधन हो गया था. जोहरा की माँ चाहती थीं कि जोहरा लाहौर जाकर पढाई करे. माँ की इच्छा पूरी करने के लिए जोहरा अपनी बहन के साथ लाहौर चली गई और वहां क्वीन मैरी कॉलेज में पढ़ाई शुरू कर दी. उन दिनों कॉलेज में पढ़ने वाली महिलाओं के लिए सख्त पर्दा हुआ करता था. ऐसे में जोहरा को डांस करने में ज्यादा रूचि था. अपने सपनों को पूरा करने के लिए जोहरा एडिनबर्ग जर्मनी चली गई.
3 साल तक डांस सीखा फिर किस्मत ने बदल दिया इनका जीवन
फिर यहाँ से शुरू हुआ उनके जीवन का नया दौर. जर्मनी में इनके रहने खाने का इंतेज़ाम जोहरा के मामा ने कर दिया. इसके बाद जोहरा ने वहां के मैरी विगमैन बैले स्कूल में दाखिला ले लिया. बता दें कि इस स्कूल में एडमिशन लेने वाली जोहरा सहगल पहली भारतीय महिला थीं. जहाँ उन्होंने 3 साल लगातार डांस सीखा और एक दिन उन्हें अपने डांस के हुनर को स्टेज पर दिखाने का मौका मिल गया जिसने उनकी किस्मत का रुख ही बदल दिया. उस शो में भारत के मशहूर डांसर उदय शंकर भी मौजूद थे. जो जोहरा के डांस को देखकर बहुत हुए थे.
मशहूर वैज्ञानिक कमलेश्वर सहगल से की शादी, पर इनकी शादी लोगों को रास नहीं आई
जोहरा सहगल ने उदय शंकर के साथ जापान, मिस्र, यूरोप और अमेरिका का दौरा किया. जिसके बाद वो अपने देश वापस लौट आयीं और एक स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया। इसी दौरान उनकी मुलाकात कमलेश्वर सहगल से हुई जो एक मशहूर वैज्ञानिक थे. फिर दोनों ने शादी कर ली. लेकिन न जाने क्यों लोगों को इनकी शादी से बहुत ऐतराज़ हुआ. बात इतनी ज्यादा बिगड़ गई थी कि लोग दंगे-फसाद करने लगे थे. लेकिन कहते हैं ना वक़्त के साथ आग की लपटें भी कमजोर पड़ जाती है. ठीक वैसे ही इनकी शादी को लोगों ने कुबूल कर लिया. लेकिन हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बंटवारें से दोनों लाहौर पहुंच गए. लेकिन यहाँ तो उन्हें ऐसा लगा कि उनकी जान ले ली जाएगी। जिस वजह से वो दोनों मुंबई वापस भग कर अपनी जान बचाकर आ गए.
440 रूपए महीना कमाती थी जोहरा सहगल, बाद में बतौर मुख्य अभिनेत्री के रूप में आई नज़र
मुंबई में जोहरा की बहन उजरा पृथ्वी थिएटर की मशहूर अभिनेत्री थी. जहां जोहरा ने भी साल 1945 में पृथ्वी थिएटर को ज्वाइन कर लिया। हालांकि उस वक़्त उनकी एक साल भर की बेटी भी थी. उस वक़्त उनकी महीने की कमाई 400 रूपए हुआ करती थी. पृथ्वी थिएटर के अलावा ख्वाजा अहमद अब्बास द्वारा निर्देशित फिल्म “धरती के लाल” में वो मुख्य अभिनेत्री के रूप में नज़र आई. जिसके बाद उन्हें फिल्मों में काम करने के ऑफर मिलने लगे. एक्टिंग के अलावा जोहरा ने फिल्मों में कोरियोग्राफी करना भी शुरू कर दिया. राज कपूर की फिल्म “आवारा” का एक स्वप्न गाने को जोहरा ने ही कोरियोग्राफी की थी. यहाँ तक कि कपूर खानदान के 4थी पीढ़ी यानि रनबीर कपूर की पहली फिल्म “सांवरिया” में भी जोहरा ने ही कोरियोग्राफ किया था.
देश का सबसे बड़ा दूसरा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से किया गया था जोहरा सहगल को सम्मानित
जोहरा सहगल को पद्मश्री, कालीदास सम्मान, संगीत नाटक अकादमी सम्मान, लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, देश का सबसे बड़ा दूसरा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया. अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने जीवन में इतना कुछ हासिल किया था.