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फिल्मों में कैसे शूट होते हैं इंटीमेट सीन, किस करने के लिए अपनाई जाती है ये ट्रिक, जानें पूरा सच

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Intimate Scenes: बॉलीवुड फिल्मों जब तक कोई बोल्ड सीन न हो, तब तक दर्शकों को मजा नही आता है। इसलिए लोगों की पसंद को ध्यान में रखते हुए निर्देशकों को फिल्मों में इन चीजों को शामिल करना पड़ता है। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाले कंटेंट में तो इनकी भरमार देखने को मिलती है। इन दिनों निर्देशकों का सारा ध्यान स्टोरी लाइन से ज्यादा इंटीमेट सीन्स को शूट करने पर रहता है।

ताकि फिल्म ज्यादा से ज्यादा लोगों को पसंद आए। जब आप ये सीन्स देखते हैं तो सोचते हैं कि एक्ट्रेसेस ऐसे सीन्स (Intimate Scenes) शूट करने के लिए कैसे मान गईं होंगी। लेकिन ऐसे सीन के लिए डायरेक्टर से लेकर सभी क्रू मेंबर को काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं।

किसिंग सीन में अपनाई जाती है ये ट्रिक

अगर एक्टर या एक्ट्रेस किसिंग सीन करने में अनकंफर्टेबल फील करते हैं तो फिर निर्देशक को क्रोमा शॉट्स लेने पड़ते हैं। यह सीन नीले या हरे रंग के कवर के साथ किया जाता है, जिसे बाद में एडिटिंग से गायब कर दिया जाता है। अगर एक्टर और एक्ट्रेस को किसिंग सीन से आपत्ति है तो उनके बीच कोई सब्जी जैसे लौकी या कद्दू रखा जाता है। ग्रीन कलर का होने के कारण लौकी क्रोमा का काम करती है और वो दोनों लौकी को किस करते हैं। बाद में पोस्ट प्रोडक्शन के दौरान सीन (Intimate Scenes) से उसे गायब कर दिया जाता है और ये देखने पर असली सीन लगता है।

ऐसे सीन होता है इंटीमेट सीन

कोई बोल्ड या इंटीमेट सीन शूट करते वक्त इस बात का पूरा ख्याल रखा जाता है कि मेल और फीमेल के प्राइवेट पार्ट्स आपस में टच ना हों। शूटिंग के समय असमंजस की स्थिति पैदा होने से बचने के लिए क्रिकेट खिलाड़ियों की तरह एक्टर के लिए लोगार्ड या कुशन या फिर एयर बैग का इस्तेमाल किया जाता है, जो दोनों के बीच गैप रखता है। वहीं एक्ट्रेस के लिए पुशअप, पैड्स, पीछे से टॉपलेस दिखाना हो तो आगे पहनने वाले सिलिकॉन पैड का यूज किया जाता है। किसी भी इंटीमेट सीन (Intimate Scenes) को शूट करने के लिए सबसे जरूरी एक्टर या एक्ट्रेस की रजामंदी जरूरी होती है।

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क्रिएट किया जाता है इल्यूजन

अगर कोई एक्टर या एक्ट्रेस बोल्ड सींस (Intimate Scenes) करने से मना कर दे तो ऐसे में क्रू को इल्यूजन क्रिएट करना पड़ता है। यानी ब्यूटी शॉट्स से काम चलाना पड़ता है। सिनेमैटोग्राफी की कुछ ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करना पड़ता है, जिससे बिना कुछ हुए भी दर्शकों को लगता है कि बहुत कुछ हुआ है। ब्यूटी शॉट्स का मतलब शूटिंग की भाषा में मेकअप करना नहीं।

इसका मतलब होता है हग करना, किस करना, हाथों में हाथ डालना या फिर कैमरा एंगल ऐसे रखना जिसके जरिए बॉडी पार्ट्स को कवर किया जा सके। इसके लिए सिनेमैटोग्राफी की जरूरत पड़ती है। बेड पर सैटिन के बेडशीट्स यूज किए जाते हैं और उससे ढककर केवल इल्यूशन क्रिएट किया जाता है।

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