मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत और महाराष्ट्र सरकार के बीच तनातनी अभी भी जारी है। इस बीच कंगना रनौत Y सिक्योरिटी के साथ सोमवार सुबह मुंबई से चंडीगढ़ पहुंची। वह लगभग 11 बजे यहां पहुंची और फिर मनाली के लिए रवाना हो गई। वहीं चंडीगढ़ पहुंचते ही कंगना ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि चंडीगढ़ में उतरते ही मेरी सिक्योरिटी नाममात्र रह गई है, लोग ख़ुशी से बधाई दे रहे हैं।
चंडीगढ़ मे उतरते ही मेरी सिक्यरिटी नाम मात्र रह गयी है, लोग ख़ुशी से बधाई दे रेही हैं, लगता है इस बार मैं बच गयी, एक दिन था जब मुंबई में माँ के आँचल की शीतलता महसूस होती थी आज वो दिन है जब जान बची तो लाखों पाए, शिव सेना से सोनिया सेना होते ही मुंबई में आतंकी प्रशासन का बोल बाला।
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 14, 2020
कंगना की सुरक्षा में इतने सुरक्षाबल थे तैनात
कंगना रनौत के आने की सूचना पंजाब पुलिस और चंडीगढ़ एयरपोर्ट की सिक्योरिटी विंग को पहले से ही थी। जिसके चलते पुलिस ने एयरपोर्ट डीएसपी की अगुवाई में सुरक्षाबल तैनात कर रखे थे। वहीं डीएसपी एयरपोर्ट जतिंदर पाल सिंह ने बताया कि कंगना की सुरक्षा में पंजाब पुलिस के एक डीएसपी, 22 पुलिसकर्मी, 6 कमांडों और करीब 10 सीआईएसएफ के जवान तैनात थे।
कंगना रनौत जैसे ही एयरपोर्ट टर्मिनल से बाहर निकली, तो सीआईएसएफ और पंजाब पुलिस के जवानों ने एक घेरा बना लिया। वहीं मोहाली से बाहर निकलते ही कंगना ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया कि ‘चंडीगढ़ में उतरते ही मेरी सिक्योरिटी नाममात्र की रह गई है’। लेकिन, उनकी सिक्योरिटी में कोई कमी नहीं थी।
वहीं पिछले हफ्ते जब एक्ट्रेस चंडीगढ़ से मुंबई गई थीं, तो उस वक्त भी इतने ही जवान थे। एसएसपी कुलदीप सिंह चहल ने कहा कि कंगना को प्रोटोकॉल के तहत ही सुरक्षा मुहैया करवाई गई। एयरपोर्ट टर्मिनल से लेकर जिस गाड़ी में कंगना को बैठना था, वहां तक पंजाब पुलिस के जवान तैनात थे।
रोपड़ के रास्ते पर तैनात थे 37 पुलिसकर्मी
कंगना जब अपनी गाड़ी से मनाली के लिए निकलीं, तो पंजाब पुलिस की गाड़ियां आगे-पीछे थीं। वहीं रोपड़ बॉर्डर तक जाने वाले रास्ते के चौराहे पर करीब 37 जवान तैनात थे।बताते चलें कि कंगना रनौत 9 सितंबर को मुंबई गई थी और उसी दिन बीएमसी ने उनके दफ्तर के कुछ हिस्से को अवैध बताते हुए ध्वस्त कर दिया था। जिसके चलते कंगना काफी आहत थी। वहीं घर वापसी से पहले रविवार को कंगना ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मुलाकात की थी।