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जानिए कौन हैं Vinod Kapri, जिसने रातों-रात 19 साल के बच्चे को बनाया इंटरनेट सेंसेशन

Vinod Kapri

नई दिल्ली: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक लड़के का वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। 19 साल का यह लड़का आधी रात को नोएडा की सुनसान सड़को पर तेज रफ्तार से दौड़ लगा रहा है। वीडियो सामने आने के बाद से हर तरफ इसी की चर्चा हो रही है। लेकिन आज हम बताने जा रहे है इस वीडियो को शूट करके सोशल मीडिया पर अपलोड करने वाले विनोद कापरी (Vinod Kapri) के बारें, आइए जानते है कौन है विनोद कापरी जिन्होंने रातों-रात इस लड़के को फेमस बना दिया।

विनोद कापरी की प्रारम्भिक शिक्षा

आपको बता दें कि, विनोद कापरी एक वरिष्ठ भारतीय पत्रकार और फिल्म निर्माता हैं। इनका जन्म 15 अगस्त 1962 में भारत के सिकंदराबाद में हुआ था। हालांकि यह मूल निवासी उत्तराखंड के हैं। उनके पिता आर्मी में थे, जो देश भर में अलग-अलग जगहों पर तैनात थे। विनोद कापड़ी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आंध्र प्रदेश के केंद्रीय विद्यालय , सिकंदराबाद में की। उसके बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई जम्मू और कश्मीर , उधमपुर , सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल और बरेली, उत्तर प्रदेश में पूरी की।

करियर की शुरुआत

बात करें उनके करियर की शुरुआत की तो उन्होंने (Vinod Kapri) अपने पत्रिकारिता के करियर की शुरुआत तब की थी जब वह मजह 20 साल के थे। उन्होंने पहली नौकरी हिंदी दैनिक जनसंदेश में की थी। यह पेपर उस समय के प्रसिद्ध राजनेता चौधरी देवी लाल के स्वामित्व में था। विनोद ने कुछ ही महीनों में नौकरी छोड़ दी। उसी वर्ष, 1992 में, वह एक प्रशिक्षु के रूप में दैनिक जागरण में शामिल हुए। लेकिन लगभग 4 महीने की अवधि के बाद, उन्हें डेली अमर उजाला द्वारा एक रिपोर्टर के रूप में काम पर रखा गया, जल्द ही सबडिटर बन गए। 1995 में, उन्होंने ज़ी न्यूज़ के साथ एक प्रशिक्षु रिपोर्टर के रूप में अपना कार्यकाल शुरू किया।

इस फिल्म के लिए जीता था राष्ट्रीय पुरस्कार

इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और धीरे-धीरे वह एंकर, निर्माता, फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक के रुप में उभरकर सबके सामने आए। आपको बता दें कि, उन्होंने 2014 में डॉक्यूमेंट्री फिल्म कैन टेक दिस शिट अनिमोर 2014 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता । उन्होंने मिस टनकपुर हाज़ीर हो (2015) के साथ अपनी शुरुआत की – एक सामाजिक-कानूनी व्यंग्य जिसे व्यापक आलोचनात्मक प्रशंसा मिली।

100 की फिल्म में 2 साल की बच्ची को किया कास्ट

वहीं उनकी दूसरी फीचर फिल्म पीहू को वैंकूवर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, पाम स्प्रिंग्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (कैलिफोर्निया), फज्र इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (तेहरान) और भारतीय फिल्म फेस्टिवल (स्टटगार्ट) जैसे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में व्यापक सराहना मिली है। इतना ही नहीं उनकी फिल्म पीहू भारत के 48वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई), 2017 की ओपनिंग फिल्म थी। यह जल्द ही शहर में चर्चा का विषय बन गया कि कैसे 100 मिनट की फिल्म ने केवल एक ही चरित्र को कास्ट किया वह भी दो साल की बच्ची।

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