हिंदी सिनेमा और सभी फैंस के लिए बेहद ही दुखद भरी खबर सामने आई है। दरअसल कई दशकों से अपनी मधुर आवाज से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का निधन हो गया है। लता जी ने सुबह 8:12 मिनट पर अंतिम सांस ली। इसके बाद पूरे देश में लता जी के निधन से शोक की लहर जाग उठी है। वहीं, इस दुखद खबर के सुनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी मृत्यु पर दुख जाहिर किया। आइये इस आर्टिकल के माध्यम से जानते है लता जी के जीवन सफर का कार्यकाल कैसा रहा।
Lata Mangeshkar का 92 साल में हुआ निधन
भारत रत्न लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) लगभग एक महीने से बीमार चल रही थी। उन्हें पिछले महीने 8 जनवरी को कोरोना संक्रमित होने के बाद मुंबई के ब्रीच क्रैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि लता जी को कोरोना के साथ निमोनिया भी हुआ था। लता दीदी की उम्र को देखते हुए डॉक्टर्स ने उन्हें आईसीयू में एडमिट किया था। तब से वह लगातार जिदंगी जीने के लिए संघर्ष ही कर रही थी। इलाज के दौरान बस 2 दिन के लिए उन्हें वेंटिलेटर से हटाया गया था। फिर जैसे ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी फिर से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। लेकिन अफसोस कि बात ये है कि 92 साल में दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन की खबर सुनकर सभी लोग हिलाकर रख दिया।
इलाज में जुटी थी पांच डॉक्टरों की टीम
बता देें लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की देखभाल के लिए अस्पताल में पांच डॉक्टरों की टीम जुटी हुई थी। एक निजी चैनल से बात करते डॉक्टर प्रतीत समदानी ने कहा कि लता मंगेशकर को कोरोना के साथ-साथ निमोनिया भी हो गया था।
पीएम मोदी ने जताया दुख
I am anguished beyond words. The kind and caring Lata Didi has left us. She leaves a void in our nation that cannot be filled. The coming generations will remember her as a stalwart of Indian culture, whose melodious voice had an unparalleled ability to mesmerise people. pic.twitter.com/MTQ6TK1mSO
— Narendra Modi (@narendramodi) February 6, 2022
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने भी ट्वीट कर लता मंगेशकर जी के निधन पर दुख जाहिर करते हुए कहा, “मेरा दुख शब्दों से परे है. दयालु और देखभाल करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर वह हमारे देश में एक खालीपन छोड़ गई है जिसे भरा नहीं जा सकता. आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अद्वितीय क्षमता थी”।
राहुल गांधी बोले- उनकी सुनहरी आवाज अमर है
Received the sad news of Lata Mangeshkar ji’s demise. She remained the most beloved voice of India for many decades.
Her golden voice is immortal and will continue to echo in the hearts of her fans.My condolences to her family, friends and fans. pic.twitter.com/Oi6Wb2134M
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 6, 2022
वहीं, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा,” लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन की दुखद खबर मिली. वह कई दशकों तक भारत की सबसे प्रिय आवाज बनी रहीं उनकी सुनहरी आवाज अमर है और उनके प्रशंसकों के दिलों में गूंजती रहेगी. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और फैन के साथ”।
5,000 से ज्यादा गाने उनके नाम
बता दें लता मंगेशकर(Lata Mangeshkar) ने एक हजार से ज्यादा हिंदी फिल्मों और 36 क्षेत्रीय फिल्मों में गाना गाया है। कुल मिलाकर वो 5,000 से अधिक गानों में अपना आवाज दे चुकी हैं।
5 साल की उम्र में शुरू किया था सफर
मशूहर गायिका लता मंगेशकर(Lata Mangeshkar) का म्यूजिक इंडस्ट्री में योगदान अतुलनीय था। जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है। 78 साल के करियर में लता मंगेशकर ने 25000 से ज्यादा गानों में अपनी आवाज दी है। लता जी को कई सारे पुरस्कारों से नवाजा गया था। वे तीन बार नेशनल अवॉर्ड विनर रही थीं। इसके अलावा दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड और भारत रत्न से भी उन्हें नवाजा गया। लेकिन आपको बता दें महज 5 साल की उम्र से लता जी ने काम करना शुरु कर दिया था। जिस उम्र में सभी बच्चे खेलते है, तो वहीं लता दीदी ने जिम्मेदारियों को बखूबी संभाला।