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दो दिन बाद ही छिनी ममता कुलकर्णी की खुशियां, इस वजह से महामंडलेश्वर पद से हटाई गई

Mamta Kulkarni Removed From The Post Of Mahamandaleshwar

Mamta Kulkarni : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ में किन्नर अखाड़े के अंदर सियासत गहरा गई है। बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) को महामंडलेश्वर की उपाधि दिए जाने के बाद किन्नर अखाड़े में काफी उथल-पुथल मच गई है।

किन्नर अखाड़े के अंदर ही इस फैसले का विरोध शुरू हो गया है, जिसके चलते दो बड़े गुट आमने-सामने आ गए हैं। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने कहा कि 2015-16 के उज्जैन कुंभ में डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता (Mamta Kulkarni) को महामंडलेश्वर बनाया गया था। मैं उन्हें इस पद से मुक्त करता हूं।

Mamta Kulkarni महामंडलेश्वर पद से हटी

उन्होंने कहा कि जल्द ही उन्हें इस बात की लिखित जानकारी दी जाएगी। अजय दास ने कहा कि उनकी नियुक्ति धर्म के प्रचार-प्रसार और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ किन्नर समुदाय के उत्थान के लिए की गई थी। वह उस पद से पूरी तरह से भटक गए हैं। इसके साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर पद और अखाड़े से हटा दिया गया है।

पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) ने कुछ दिन पहले प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में संन्यास की घोषणा की थी। महाकुंभ के दौरान ममता ने किन्नर अखाड़े में आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की थी।

किन्नर अखाड़े ने दी थी ममता को ये पदवी

इसके बाद संगम में ममता ने पिंडदान अनुष्ठान किया और किन्नर अखाड़े में उनका राज्याभिषेक हुआ। महाकुंभ में संन्यास लेने के बाद ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) को नया आध्यात्मिक नाम ‘श्री यमाई ममता नंद गिरि’ दिया गया। इसके साथ ही उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक खबर सामने आई है कि संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। इसकी वजह उनके सिर मुंडवाने पर कार्रवाई बताई जा रही है। यह बात खुद संस्थापक ने बताई है।

किन्नर अखाड़े के संस्थापक ने किया निष्काषित

ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) के साथ ही आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी निष्कासित बताए जाने की बात कही गई है।आपको बता दें, ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद काफी समय से विरोध चल रहा था। जहां ऋषि अजय दास ने कहा है कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनकी जानकारी के बिना ममता को अखाड़े में शामिल कर महामंडलेश्वर बना दिया था। जो सही नहीं है।

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