&Quot;एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते&Quot; ये डायलॉग बोलने वाले मोहनीश बहल अब कहां हो गये गुमनाम, जानिए

साल 1976 में फिल्म ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ अभिनेत्री नूतन के साथ डायरेक्टर राज खोसला इंडिया फिल्म बना रहे थे। इसी दौरान डायरेक्टर राज़ की मुलाकात नूतन के बेटे मोहनीश से हुई तब वह सिर्फ 15 साल के थे। वहीं राज़ तीन साल बाद किसी फिल्म के सिलसिले में नूतन से मिलने उनके घर आए तब वह उन्होंने मोहनीश को देखा अब बड़े हो गए थे और उन्हें बॉडी बिल्डिंग का शौक था। इसलिए राज खोसला को वो पहली बार में अच्छे लग गए।

नूतन से उन्होंने पूछा मोहनीश एक्टिंग करने में इंट्रेस्टेड हैं? ना ना करते हुए आखिरकार इस फिल्म को मोहनीश ने हां कर दी। फिर राज खोसला ने उन्हें अपने ऑफिस बुलाया और उर्दू की ट्रेनिंग दिलवाई. सब कुछ सेट था लेकिन किसी कारण से वह फिल्म न बन पायी। हालाँकि मोहनीश को कुछ फिल्मी लोग जानने लगे थे। इसी के चलते उन्हें साल 1981 में पहली फिल्म ‘इतिहास’ मिली।

राज कुमार, शबाना आज़मी, रति अग्निहोत्री और अनिल कपूर के साथ इस फिल्म में मोहनीश भी काम कर रहे थे। फिलहाल फिल्म साल 1987 में रिलीज़ हुई। फिल्म के बनने और रिलीज़ होने के बीच काफी समय काफी समय लगा। तब तक उन का करियर शुरू होकर लगभग खत्म भी हो चुका था।

मोहनीश ने दे दी 5 फ्लॉप फ़िल्में

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14 अगस्त साल 1961 में एक्ट्रेस नूतन ने एक बेटे का जन्म हुआ. नाम रखा गया मोहनीश। मोहनीश का सपना था कि वो एयरफोर्स पायलट बनेंगे। पापा ने कहा नहीं देश की सेवा करना अच्छी बात है मगर मोहनीश वहां की लाइफस्टाइल में फिट नहीं हो पाएंगे। जबकि मां चाहती थीं कि वो भी पापा की तरह देश की सेवा करें। इसी दौरान मोहनीश को फिल्म ऑफर्स आने लगे।

नूतन ने मोहनीश को कहा-

“मैं तुम्हें एक्टिंग नहीं सिखा सकती। मगर जो भी करना, पूरी ईमानदारी से करना। मेरी नाक बहुत लंबी है, इसलिए अपने कदम फूंक-फूंककर रखना।”

फिर मोहनीश ने फिल्म ‘इतिहास’ में काम किया। नूतन को वो फिल्म दिखाई गई. फिल्म देखने के बाद नूतन ने मोहनीश से कुछ नहीं कहा। जब मोहनीश ने उनसे पूछा कि उनका काम कैसा लगा, तो नूतन ने सिर्फ इतना कहा कि मुंह खोलकर शब्दों का उच्चारण किया करो।

अंग्रेज़ी लहज़े में हिंदी बोलना बंद करो. मोहनीश ने इस बात को अच्छे से समझ लिया। 1982 से 86 के बीच उन्होंने कुल 6 फिल्मों में काम किया। करियर की शुरुआती 6 में से 5 फ्लॉप रही।

सलमान ने मोहनीश की लाइफ में मारी एंट्री

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मोहनीश को बॉडी बिल्डिंग और पायलट बनने का शौक था। इस बेरोजगारी के दौरान उन्होंने अपने शौक को अपना पेशा बनाने का सोचा। वो बॉम्बे फ्लाइंग क्लब में पायलट बनने की ट्रेनिंग लेने लगे। बॉडी-बिल्डिंग करने का शौक था, इसलिए वो सी-रॉक होटल के जिम में जाते थे। यही पर उनकी मुलाकात सलमान खान से हुई। सलमान भी एक्टिंग करना चाहते थे. मगर उनकी बॉडी उस टाइम काफी दुबली-पतली हुआ करती थी और हाइट भी ठीक-ठाक सी थी। मोहनीश उन्हें हल्के में लेते थे।

सलमान ने मोहनीश को बताया कि उन्हें एक्टर बनना है, तो मोहनीश ने उनका मज़ाक उड़ाते हुए कहा- ‘जब मैं 6 फीट की हाइट और इतनी अच्छी बॉडी के बाद भी नहीं चला, तो तू क्या एक्टर बनेगा.’

इसी बीच सलमान खान को सूरज बड़जात्या की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ में लीड रोल मिल गया। जब सलमान की कास्टिंग फाइनल हो गई। सलमान लौटकर मोहनीश से मिले और बताया कि उन्हें फिल्म मिल गई है. साथ ही उन्होंने मोहनीश से कहा कि अगर वो विलेन का रोल करने में इंट्रेस्टेड हैं, तो इस फिल्म के लिए ऑडिशन दे सकते हैं।

नूतन ने ताराचंद बड़जात्या की कर दी हालत टाइट

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मोहनीश, ताराचंद बड़जात्या के यहां से लौटकर अपने घर आएउन्होंने नूतन से सारी बात कह दीनूतन बहुत फेमस एक्ट्रेस थींउन्हें देखकर लोग सम्मान से खड़े हो जाते थेनूतन ने ताराचंद बड़जात्या को फोन मिलाया और कहा-‘मेरे बेटे को इसलिए पनिश मत करिए, क्योंकि वो मेरा बेटा है.’ उनका मतलब था कि मोहनीश को विलेन का रोल करने दीजिए।

ताराचंद जी नूतन की बात को माना और उनसे एक वादा कियाउन्होंने कहा कि वो आगे मोहनीश को ज़रूर अपनी फिल्म में पॉज़िटिव और लीड रोल में कास्ट करेंगेखैर, ‘मैंने प्यार किया’ कि शूटिंग शुरू हो गई। 29 दिसंबर, 1989 को ‘मैंने प्यार किया’ रिलीज़ हुई और हिट हो गयी। सलमान और भाग्यश्री रातों-रात सुपरस्टार बन गए। वहीं मोहनीश का इमेज मेकओवर हो गया। वो फ्लॉप हीरो से सबसे चर्चित विलेन बन गए। हर कोई उन्हें अपनी फिल्म में विलेन के रोल में लेना चाहता था।

कैंसर से हुई माँ की मौत, पिता जलकर मर गए

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‘मैंने प्यार किया’ के बाद फिर मोहनीश सलमान के साथ ‘बागी’, ऋषि कपूर के साथ ‘हिना’, ‘बोल राधा बोल’ और शाहरुख खान की पहली फिल्म ‘दीवाना’ में नेगेटिव रोल्स में नज़र आए। 16 जुलाई, 1989 को उनके पिता ने उठाया और कहा हॉस्पिटल जाना है। मां की तबीयत ठीक नहीं है। अस्पताल से लौटते समय नूतन ने मोहनीश को बताया कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है। इलाज शुरू हुआ लेकिन एक साल के भीतर नूतन का कैंसर लीवर तक फैल गया। उनकी हालत बिगड़ने लगी। उसी समय मोहनीश को अपनी फिल्म ‘शोला और शबनम’ की शूटिंग के लिए ऊटी निकलना था। वो ऊटी जाने से पहले अपनी मां से मिलने अस्पताल गए. उन्होंने वो अपनी मां को देखने गए।

नूतन उनकी ओर देखकर मुस्कुरा रही थीं। ये वो आखिरी मौका था, जब मोहनीश ने अपनी मां को ज़िंदा देखा। 20 फरवरी, 1991 को मोहनीश को ऊटी में फोन गया कि उनकी मां की तबीयत काफी खराब है। फिर वह 21 फरवरी को शाम साढ़े 4 बजे मुंबई पहुंचे, तब तक नूतन गुज़र चुकी थीं।

इस घटना के 13 साल बाद मोहनीश के पिता भी गुजर गए। मुंबई के कोलाबा इलाके में 32 माले का अपार्टमेंट में रजनीश बहल रहते थे। 3 अगस्त, 2004 को इस अपार्टमेंट में आग लग गई। फायर डिपार्टमेंट ने पूरा अपार्टमेंट खाली करवाया. उन्हें नहीं पता था कि रजनीश 32वें फ्लोर पर हैं. इसी आग में जलकर मोहनीश के पिता रजनीश बहल की मौत हो गई।

मोहनीश को अपनी रेंज साबित करने का मिला मौका

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फिर एक ऐसा मौका आया जब मोहनीश को बतौर एक्टर अपनी रेंज साबित करने का एक और मौका मिला। इस फिल्म से प्रोड्यूसर ताराचंद बड़जात्या ने नूतन से मोहनीश को पॉजिटिव रोल में कास्ट करने का अपना वादा भी पूरा किया, लेकिन यह सब देखने के लिए नूतन ज़िंदा नहीं थीं।

साल 1994 में फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ इस फिल्म में मोहनीश ने सलमान के बड़े भाई का रोल किया था। मोहनीश के परफॉरमेंस की खूब तारीफ हुई. मगर उनकी ये तारीफ उन्हें अलग-अलग तरह का काम नहीं दिलवा पाई. आगे वो एक बार फिर राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ में सलमान और सूरज बड़जात्या के साथ आए।

फिल्म बड़ी सफल साबित हुई. मगर ये किसी बड़े रोल में उनकी आखिरी फिल्म साबित हुई. आगे वो ‘जानवर’, ‘कहो ना प्यार है’, ‘LOC कारगिल’ और ‘विवाह’ जैसी फिल्मों में नज़र आए। लेकिन इन फिल्मों में उनका कोई यादगार रोल नहीं था।

इस कारण मोहनीश को इंडस्ट्री ने नहीं दिया काम

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साल 2006 में फिल्म ‘विवाह’ के बाद मोहनीश साल 2010 में बड़े परदे पर दिखाई दिए। इस दौरान उन्होंने टीवी करना शुरू कर दिया था। उनके टीवी करियर की शुरुआत साल 2002 में स्टार प्लस पर आने वाले शो ‘संजीवनी’ से हुई थी। इसमें उन्होंने एक डॉक्टर का रोल किया थाइसके बाद वो रामानंद सागर के टीवी शो ‘आरज़ू है तू’ में नज़र आए। उन्हें कोई फिल्ममेकर काम क्यों नहीं ऑफर कर रहा, इसके जवाब में वो कहते हैं- क्योंकि फिल्ममेकर्स को ये लगने लगा कि मोहनीश अब टीवी करते हैं, इसलिए उन्हें कास्ट करने में डेट्स का इशू होगा।

आखिरी बार इस फिल्म में दिखाई दिए मोहनीश बहल

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साल 2014 में सलमान खान की फिल्म ‘जय हो’ से मोहनीश ने वापसी की थी। साल 2019 में आशुतोष गोवारीकर की अर्जुन कपूर स्टारर फिल्म ‘पानीपत’ में आखिरी बार दिखाई दिए थे। फिलहाल इस दौरान वो लगातार टीवी में एक्टिव रहे। साल 1992 में उन्होंने एक्ट्रेस एकता सोहिनी से शादी की थी, जिन्हें आरती बहल के नाम से जाना जाता है। उनकी दो बेटियां हैं प्रनूतन और तृषा।

प्रनूतन भी सलमान खान के प्रोडक्शन में बनी फिल्म ‘नोटबुक’ से बॉलीवुड में कदम रख चुकी हैं। मोहनीश की छोटी बेटी अभी पढ़ाई कर रही हैं। मोहनीश अपनी फैमिली के साथ मुंबई में ही रहते हैं।

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