मुंबई: बच्चन परिवार हमेशा किसी ना किसी वजह से सुर्खियों में बना रहता है। इस बीच अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा (Navya Naveli Nanda) एक बार फिर से चर्चा में आ गई हैं। दरअसल, इन दिनों नव्या का एक पुराना इंटरव्यू काफी वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने अपने घर में लिंगभेद और पितृसत्ता को लेकर खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे उनका परिवार उनके और उसके भाई के साथ अलग व्यवहार करता है।
घर में होने वाले लिंग भेदभाव पर नव्या का बड़ा खुलासा
आपको बता दें कि, सदी के महानायक की नातिन ने बॉलीवुड ने बल्कि बिजनेस को अपना पैशन बनाया है और आज वह एक बिजनेसवूमेन के रुप में जानी जाती हैं। हालांकि उनकी पॉपुलैरिटी किसी सेलिब्रेटी से कम नहीं है। कोई फिल्मी स्टार ना होने के बावजूद उनके फैंस और फॉलोअर्स की संख्या लाखों में हैं और वह अपनी पहचान अपने दम पर बनाना चाहती है। हाल ही में एक पुराना इंटरव्यू वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने महिलाओं के साथ घर पर होने वाले भेदभाव के बारे में बात की थी।
घर में उनके साथ होता है भेदभाव!
दरअसल, हाल ही में SheThePeople।tv को दिए एक इंटरव्यू के दौरान Navya Naveli Nanda ने कई उदाहरणों का हवाला दिया जहां उनके छोटे भाई अगस्त्य नंदा से घरेलू चीजों की देखभाल करने की उम्मीद नहीं की जाती। उन्होंने कहा, ‘मैंने देखा है कि यह घर पर होता है जब हमारे घर कोई मेहमान आता है, तो मेरी मां हमेशा कहती है कि जाओ और इसे भी लेकर जाओ या ये लेकर आओ। उस समय मुझे अपने भाई के विपरीत मेजबान की भूमिका निभानी होती है। जो वह भी कर सकता था। लेकिन उसे नहीं बोला जाता।’
महिलाओं जितनी जिम्मेदारी घर के लड़को की क्यों नहीं?
नव्या नवेली ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है, उन घरों में जहां लोग बड़े परिवारों या संयुक्त परिवारों में रहते हैं, वहां घर को कैसे चलाना है, या मेहमान की सेवा कैसे करना है, चीजों की देखभाल की जिम्मेदारी हमेशा बेटी या घर की महिलाओं को दी जाती है। घर के बेटे पर इतनी जिम्मेदारी मैंने कभी नहीं देखी। यह महिलाओं को यह अहसास कराता है कि घर की देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है।’
नव्या कर रही हैं ये नेक काम
वहीं, अगर Navya Naveli Nanda के वर्क फ्रंट की बात करें तो वह इन दिनों अपने नए प्रोजेक्ट में बिजी हैं। बता दें कि, नवेली एक NGO की संस्थापक है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को संसाधनों और अवसरों तक पहुंच प्रदान करके लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है जो आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की ओर ले जाने में सहयोगी होगा।