Asha Parekh: साल 1978 में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘मैं तुलसी तेरे आँगन की’ ने दर्शकों का दिल जीत लिया. इस फ़िल्म में आशा पारेख (Asha Parekh) ने ‘तुलसी’ का किरदार निभाया था, जो हीरो की दूसरी पत्नी थी. बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख के किस फैसले ने उनकी किस्मत बदल दी? आइए आगे जानें कि आखिर क्यों अभिनेत्री घर नहीं बसा पाईं?
आज अभिनेत्री नहीं होती तो…
मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली आशा पारेख (Asha Parekh) को नृत्य का शौक था. वह छोटी उम्र से ही मंच पर नृत्य प्रस्तुत करती थीं. निर्देशक बिमल रॉय ने उन्हें देखा और बाल कलाकार के रूप में फिल्मों में काम करने का प्रस्ताव दिया. आशा पारेख ने फिल्मों से ब्रेक ले लिया और 16 वर्ष की उम्र में निर्माता-निर्देशक विजय भट्ट के आग्रह पर उन्होंने फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई’ का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया. आशा पारेख वर्तमान अभिनेत्रियों के काम से बेहद प्रभावित हैं. वह कहती हैं.
“आज की अभिनेत्रियाँ बहुत मेहनत करती हैं. मीडिया और सोशल मीडिया के ज़माने में वे खुद को कैसे संभाल पातीं? अगर मैं आज अभिनेत्री होती, तो शायद उतनी सफल नहीं होती जितनी उस ज़माने में थी.” कभी डॉक्टर बनने की चाहत रखने वाली आशा पारेख अब मुंबई के एक अस्पताल से जुड़ी हैं.
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एक्ट्रेस का क्यों नहीं बसा घर?
“द हिट गर्ल” में उनकी ज़िंदगी के कई दिलचस्प किस्से हैं. आशा (Asha Parekh) ने एक इंटरव्यू में अपनी ज़िंदगी के खास शख्स के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि उन्होंने शादी क्यों नहीं की. “हां, नासिर साहब ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिनसे मैं प्यार करती थी. आत्मकथा लिखना बेकार होता अगर मैं उन लोगों के बारे में नहीं लिखती जो मेरे जीवन में मायने रखते हैं. मैं ‘घर तोड़ने वाली’ नहीं बनना चाहती थी.” नासिर के अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अच्छे संबंध थे.
आशा पारेख ने कहा था कि शादियाँ ऊपर से तय होती हैं और शायद इस मामले में भगवान मेरी जोड़ी बनाना भूल गए। मेरी शादी कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं थी, इसीलिए मैंने शादी नहीं की. हालांकि ऐसा नहीं है कि आशा पारेख के लिए शादी के प्रस्ताव नहीं आए बल्कि वह हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर उन्हें मना कर देती थीं.
Asha Parekh की लव स्टोरी
लोकप्रिय अभिनेत्री आशा पारेख (Asha Parekh) और निर्देशक नासिर हुसैन की प्रेम कहानी एकतरफा प्यार और समर्पण की कहानी है. हर जगह उनके अफेयर की चर्चा थी. नासिर हुसैन पहले से ही शादीशुदा थे, इसलिए आशा ने उनसे कभी शादी नहीं की. आशा पारेख और नासिर हुसैन ने कई फिल्मों में साथ काम किया, जिनमें ‘दिल देके देखो’, ‘तीसरी मंजिल’ और ‘कारवां’ शामिल हैं.
कहते हैं ना एकतरफ़ा प्यार और रिश्ता आपको अंदर तक परेशान कर देता है. शायद आशा उस वक़्त ऐसी ही उथल-पुथल से गुज़री होंगी, जिन्होंने नासिर हुसैन को दिल से अपना सब कुछ मान लिया था।
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