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पूरे फिल्म जगत में पसरा मातम, ऑस्कर विजेता दिग्गज की हुई मौत, शाहरुख़ – सलमान के भी निकले आंसू

Oscar Winning Legend Passes Away
Oscar winning legend passes away

Oscar: इस समय फिल्म इंडस्ट्री शोक में है क्योंकि मशहूर हॉलीवुड निर्माता-निर्देशक और ऑस्कर (Oscar) विजेता रॉबर्ट बेंटन अब हमारे बीच नहीं रहे. उनका 92 साल की उम्र में निधन हो गया. हॉलीवुड की बेहतरीन कहानियों को पर्दे पर जीवंत करने वाले बेंटन के निधन से फिल्म इंडस्ट्री और उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है. इस दुखद खबर से शाहरुख खान और सलमान खान भी रो पड़े. लोग सोशल मीडिया पर उन्हें याद कर रहे हैं और उनके काम को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

Oscar विजेता दिग्गज का निधन

रॉबर्ट बेंटन के निधन की दुखद खबर उनके बेटे जॉन बेंटन ने साझा की। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने न्यूयॉर्क के मैनहट्टन स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली. रॉबर्ट बेंटन ने अपने लगभग छह दशक के शानदार करियर में कई ऐतिहासिक फ़िल्में दीं और तीन बार प्रतिष्ठित अकादमी पुरस्कार ऑस्कर(Oscar) जीता। उन्हें हॉलीवुड में ख़ास पहचान मिली ख़ास तौर पर 1979 की फ़िल्म ‘क्रेमर वर्सेज क्रेमर’ के लेखक और निर्देशक के तौर पर।

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‘क्रेमर बनाम क्रेमर’ से हुए फेमस

Robert Benton Dead

1979 में रिलीज हुई फिल्म ‘क्रेमर वर्सेज क्रेमर’ रॉबर्ट बेंटन के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि साबित हुई. इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म समेत कुल पांच ऑस्कर (Oscar) पुरस्कार जीते. फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले डस्टिन हॉफमैन और मेरिल स्ट्रीप के अभिनय को भी दर्शकों और आलोचकों ने खूब सराहा. इससे पहले बेंटन ने डेविड न्यूमैन के साथ मिलकर 1967 की फिल्म ‘बोनी एंड क्लाइड’ की पटकथा लिखी थी. इस फिल्म ने हॉलीवुड के सिनेमा को देखने के नजरिए को पूरी तरह बदल दिया. वॉरेन बीट्टी और फेय डुनवे अभिनीत यह फिल्म 60 के दशक की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक बन गई.

करियर में आए कई उतार-चढ़ाव

टेक्सास के वैक्साहाची में जन्मे रॉबर्ट बेंटन को फिल्मों के प्रति अपने पिता का प्यार विरासत में मिला. उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय और कोलंबिया विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. अपने शुरुआती करियर में उन्होंने एस्क्वायर पत्रिका में कला निर्देशक के तौर पर भी काम किया. 1984 की फ़िल्म ‘प्लेसेस इन द हार्ट’ ने एक बार फिर बेंटन को ऑस्कर की दौड़ में ला खड़ा किया. यह फ़िल्म उनकी माँ को समर्पित थी और इसके लिए उन्होंने एक बार फिर सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए ऑस्कर जीता. अपने लंबे और विविधतापूर्ण करियर में बेंटन ने कई हिट और कुछ फ्लॉप फ़िल्में दीं.

‘द ह्यूमन स्टेन’, ‘बिली बाथगेट’ और ‘ट्वाइलाइट’ जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाईं, लेकिन ‘नोबडीज फूल’ जैसी फिल्मों से उन्होंने दमदार वापसी की और ऑस्कर नामांकन भी हासिल किया. रॉबर्ट बेंटन का निधन हॉलीवुड के लिए एक अपूरणीय क्षति है और उनकी यादगार फिल्में हमेशा दर्शकों के दिलों में जीवित रहेंगी।

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