Actress: वह 70 के दशक की एक मशहूर अभिनेत्री (Actress) थीं, जिन्होंने 1975 में श्याम बेनेगल की फ़िल्म ‘चरणदास चोर’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी. महिला अधिकारों और सशक्तिकरण की बात करने वाली इस अभिनेत्री ने अपनी फ़िल्मों में शोषित समाज की महिलाओं का किरदार भी निभाया. समाज और फ़िल्मों में उनके योगदान के लिए उन्हें 1985 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
वह अपनी फ़िल्मों के साथ-साथ अपने निजी जीवन के लिए भी प्रसिद्ध थीं. इस बीच आइए जानें कि आखिर कौन है ये अभिनेत्री जिसकी डिलीवरी के 15 दिन बाद खून की उल्टी होने से दर्दनाक मौत हो गई?
कौन है ये Actress?
बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री (Actress) स्मिता पाटिल का जन्म 17 अक्टूबर 1955 को एक राजनीतिक रूप से प्रभावशाली परिवार में हुआ था. दरअसल, उनकी माँ विद्या ताई पाटिल ने उनके जन्म के समय उनके चेहरे पर मुस्कान देखकर उनका नाम स्मिता रखा था. यही मुस्कान आगे चलकर उनके व्यक्तित्व का सबसे आकर्षक पहलू बन गयी.
अभिनय की दुनिया में नाम कमाने से पहले स्मिता पाटिल एक पत्रकार थीं. उन्होंने एक न्यूज़ एंकर के तौर पर काम किया. वह हमेशा फिल्मों में अपने अलग किरदारों के लिए जानी जाती थीं. फिल्मों के अलावा, स्मिता पाटिल अभिनेता और अब राजनेता राज बब्बर के साथ अपने संबंधों को लेकर भी सुर्खियों में रहीं.
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शादीशुदा मर्द पर आया दिल
शादीशुदा अभिनेता राज बब्बर के साथ उनके अफेयर की खबरें खूब चर्चा में रहीं, जिनसे उनकी मुलाकात 1982 में आई फिल्म ‘भीगी पलकें’ के सेट पर हुई थी. शूटिंग के दौरान दोनों में दोस्ती हुई जो जल्द ही प्यार में बदल गई. प्यार के आगे बेबस दोनों ने अपनी निजी परिस्थितियों की परवाह न करते हुए साथ रहने का फैसला कर लिया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज बब्बर की उस वक्त काफी आलोचना हुई थी, जब उन्होंने अपनी पत्नी नादिरा को छोड़कर स्मिता के साथ रहने का फैसला किया था. उसके माता-पिता भी अभिनेत्री (Actress) स्मिता से नाराज थे.
बेटे को जन्म देने के बाद हुई मौत
अभिनेत्री (Actress) स्मिता ने आखिरकार सबके खिलाफ जाकर राज बब्बर से शादी कर ली, लेकिन कुछ समय बाद ही दोनों के बीच अनबन हो गई. तमाम मतभेदों के बीच स्मिता राज बब्बर के बेटे की मां बनीं, लेकिन डिलीवरी के दौरान एक्ट्रेस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अपने बेटे प्रतीक के जन्म के बाद, वह हर समय उसके साथ रहना चाहती थी, मानो वह अंदर ही अंदर डरती हो कि वह ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रह पाएगी. एक दिन स्मिता की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उन्हें एचयूआई अस्पताल में भर्ती कराया गया. उस दिन उनकी हालत इतनी बिगड़ गई कि वे कभी वापस नहीं आ सकीं।
स्मिता पाटिल ने 13 दिसंबर 1986 को दुनिया को अलविदा कह दिया. ऐसा कहा जाता है कि स्मिता पाटिल हमेशा चाहती थीं कि उनकी मृत्यु के बाद उन्हें एक विवाहित महिला की तरह सजाया जाए. बता दें के उनके मरने के बाद नाना-नानी और पिता के परिवार के बीच उसकी कस्टडी को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसमें उसके नाना-नानी ने ही उसका पालन-पोषण किया।