Bigg Boss 19: बिग बॉस 19 (Big boss 19) के घर में इस बार ग़ौरव खन्ना ने अपनी दमदार मौजूदगी से हर किसी का ध्यान खींचा. शांत स्वभाव, समझदारी भरे फैसले और हर टास्क में सक्रियता ने उन्हें बाकी कंटेस्टेंट्स से अलग बना दिया. दर्शकों का कहना है कि ग़ौरव ने जिस तरीके से अपनी बातों को संतुलन और शालीनता से रखा, वह उन्हें मजबूत खिलाड़ी बनाता है.
सिद्धार्थ शुक्ला की तरह लोकप्रियता का असर
बिग बॉस 13 के विजेता सिद्धार्थ शुक्ला की लोकप्रियता आज भी दर्शकों के दिलों में कायम है. उनका आक्रामक अंदाज़ और बेबाकी उन्हें घर का शेर साबित करता था. ग़ौरव खन्ना की तुलना सिद्धार्थ से की जा रही है, लेकिन दोनों की शैली अलग मानी जा रही है.` जहां सिद्धार्थ अपने गुस्से और हावी होने के लिए जाने जाते थे, वहीं ग़ौरव धैर्य और रणनीति से खेल को आगे बढ़ाते दिखे.
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फैंस में बंटी राय
सोशल मीडिया पर फैंस की राय दो हिस्सों में बंटी नज़र आ रही है. एक तरफ़ लोग मानते हैं कि सिद्धार्थ जैसा करिश्माई और प्रभावशाली खिलाड़ी शायद ही दोबारा बिग बॉस में आए, वहीं दूसरी ओर ग़ौरव खन्ना को सिद्धार्थ का सशक्त विकल्प बताया जा रहा है. कई यूज़र्स का कहना है कि ग़ौरव ने यह साबित किया है कि शांत रहकर भी खेल को अपने पक्ष में मोड़ा जा सकता है.
रणनीति बनाम आक्रामकता
सिद्धार्थ शुक्ला ने बिग बॉस में हमेशा आगे बढ़ने के लिए सीधे और टकराव वाले रास्ते चुने थे. इससे उन्हें बड़ी फैन फॉलोइंग भी मिली. वहीं ग़ौरव खन्ना ने बिग बॉस 19 (Big boss 19) में रणनीतिक सोच, रिश्तों की समझ और टीम भावना का परिचय दिया. दोनों खिलाड़ियों की शैली अलग होते हुए भी प्रभावशाली रही, और यही वजह है कि उनकी तुलना अब चर्चा का विषय बन गई है.
हालांकि बिग बॉस 19 में ग़ौरव खन्ना विजेता बने या नहीं, यह अलग बात है, लेकिन उनके खेल ने उन्हें सिद्धार्थ शुक्ला की तरह चर्चा का केंद्र बना दिया है. दर्शकों के बीच यह बहस लंबे समय तक जारी रह सकती है कि कौन सा खिलाड़ी अधिक प्रभावशाली रहा—ग़ौरव खन्ना की शांत रणनीति या सिद्धार्थ शुक्ला की आक्रामक छवि।