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बॉलीवुड के इन सितारों को मिला था गहरा घाव, कम उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह गये बच्चे

बॉलीवुड के इन सितारों को मिला था गहरा घाव, कम उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह गये बच्चे

बॉलीवुड में  चकाचौंध तो सबने देखी है, लेकिन इस चकाचौंध के पीछे भी एक दुनिया है जिससे रूबरू होने का मौका कभी-कभार ही मिलता है। एक्टर्स की निजी जिंदगी के बारे में तो आप अक्सर पढ़ते ही रहते हैं, लेकिन इन सब खुशमिजि बातों के बीच एक बात ये भी है जो आज हम आपको बताने जा रहे है। बॉलीवुड़ में कुछ स्टार्स ऐसे भी है, जिन्होंने कुदरत के कहर को महसूस किया है औऱ अपने बच्चों को कम उम्र में खोया है।

आशा भोसले की बेटी

आशा भोसले ने दो शादियां की हैं। पहली शादी से उनके तीन बच्चे हुए। दो बेटे और एक बेटी। सबसे बड़े बेटे का नाम हेमंत था वहीं बेटी का नाम वर्षा था। वर्षा ने स्पोर्ट्स राइटर हेमंत केंकरे से शादी की थी, लेकिन 1998 में उनका तलाक हो गया। इसके बाद वर्षा मुंबई में अपनी मां के साथ ही रहने लगीं थीं।

अक्टूबर 2012 में 56 साल की उम्र में वर्षा ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। सबसे बड़े बेटे हेमंत की मौत 66 साल की उम्र में कैंसर की वजह से साल 2015 में हो गई थी।

जगजीत सिंह के बेटे

मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं। उनकी आवाज में लोगों ने हमेशा छिपे दर्द को महसूस किया। जगजीत सिंह के इकलौते बेटे विवेक सिंह की साल 1990 में एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी। बेटे की मौत से उन्हें बड़ा सदमा लगा। इस हादसे के बाद जगजीत की पत्नी चित्रा सिंह पर इतना गहरा असर हुआ कि उन्होंने गाना ही छोड़ दिया। बेटे के गम में ही जगजीत सिंह ने 8 साल बाद एक गाना गाया था “ना चिट्ठी ना कोई संदेश जाने वो कौन सा देश, जहां तुम चले गये…..” उनका ये गाना सुनकर लोगों के आँखों से आंसू टपकने लगते थे।

शेखर सुमन के बेटे

अभिनेता शेखर सुमन भी इस दौर से गुजर चुके हैं। करियर के एक पड़ाव में शेखर अचानक जॉबलेस हो गए थे। उस दौर में उनकी पत्नी अलका का काम भी कुछ खास नहीं रहा था। इस बीच उन्हें पता चला कि उनके बड़े बेटे आयुष को दिल से संबंधित कोई बड़ी बीमारी है। इलाज के लिए उन्हें ढेर सारे पैसों की जरूरत थी। लेकिन वे सब कुछ करके भी इतनी बड़ी रकम जुटा न सके। महज 11 साल की उम्र में उन्होंने अपने बेटे को खो दिया।

कबीर बेदी के बेटे

फिल्म अभिनेता कबीर बेदी की जिंदगी में एक ऐसा लम्हा आया कि वे बुरी तरह टूट गए। उनके 26 साल के बेटे सिद्धार्थ ने खुदकुशी कर ली थी। कबीर को पढ़ाई के दौरान पता चला कि उनका बेटा डिप्रेशन में है। डिप्रेशन बढ़ता गया और आखिरकार ये सिजोफ्रेनिया जैसी गंभीर बीमारी में बदल गया। उन्होंने बेटे का इलाज करवाया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ और उसने आत्महत्या कर ली।

अपनी कॉमेडी से सबको हंसाने वाले महमूद भी अपने दिल में दर्द दबाए ही इस दुनिया से चले गए। महमूद के बेटे मैक अली संगीत की दुनिया में जगह बनाने का प्रयास कर ही रहे थे तभी उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था।

मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...

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