Arpit Ranka: अर्पित रांका (Arpit Ranka) कभी दुर्योधन तो कभी कंस बनकर छोटे पर्दे पर नजर आए। अपने किरदार में ढलने के लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की जो काबिले तारीफ रही। महाभारत (Mahabharat) में दुर्योधन (Duryodhan) का किरदार निभाकर अर्पित रांका जब छोटे पर्दे पर नजर आए तो अपनी एक्टिंग के साथ-साथ अपनी फिटनेस से भी फैंस को आकर्षित किया। महाभारत सीरियल ने हाल ही में दस साल पूरे किए हैं। पूरा एक दशक बीत चुका है। इस आर्टिकल के जरिए आज हम आपको फिटनेस फ्रीक अर्पित रांका के बारे में बताने जा रहे हैं। क्या आज भी वह दस साल पहले की तरह दिखते हैं या उनमें कुछ बदलाव आ चुका है।
दुर्योधन के रोल के लिए मना कर चुके थे Arpit Ranka
अर्पित रांका (Arpit Ranka) के करियर की शुरुआत पौराणिक सीरियल्स से हुई थी। उन्होंने सबसे पहले साल 2008 में ‘जय श्री कृष्ण’ में काम किया। लेकिन उन्हें पहचान महाभारत (Mahabharat) सीरियल से मिली। महाभारत में दुर्योधन के किरदार ने अर्पित रांका को घर-घर पॉपुलर कर दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुर्योधन के किरदार के लिए अर्पित रांका ने पहले इंकार कर दिया था, लेकिन मेकर्स ने उन्हें इस रोल की अहमियत समझाई। तब अर्पित रांका को ये अहसास हुआ कि वो दुर्योधन का रोल कर सकते हैं। उन्हें इस रोल के लिए बेस्ट एक्टर इन ए निगेटिव रोल के लिए नॉमिनेशन भी मिला।
कंस के रोल के बढ़ाया था सौ किलो वजन
अर्पित रांका (Arpit Ranka) का फिल्मी डेब्यू अजय देवगन (Ajay Devgan) की फिल्म ‘भोला’ से हुआ। जिसमें उन्होंने ‘भूरा’ का रोल निभाया था। भोला फिल्म में विलेन की टोली का हिस्सा बना दिखाई देता है। मायथॉलॉजी से जुड़े किरदार निभाने के लिए अर्पित रांका ने अपने लुक्स में काफी बदलाव किया। लेकिन कंस के लिए उन्होंने सबसे ज्यादा मेहनत की। जिस वक्त अर्पित रांका ने कंस का रोल निभाया था उनकी उम्र 29 साल ही थी। साल 2012 में शादी के बंधन में बंधे अर्पित रांका के दो बच्चे भी हैं। वो अपनी पत्नी निधि के साथ नच बलिए 7 में नजर आ चुके हैं।
शॉर्टकट नाम की कोई चीज नहीं होती – Arpit Ranka
अर्पित रांका (Arpit Ranka) ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि आमतौर पर युवा सोचते हैं कि अगर में अच्छा दिखता हूं या मेरी बॉडी अच्छी है तो मैं एक्टर बन सकता हूं मगर एक्टर बनना और एक कलाकार बनना उसके पीछे की मेहनत अलग चीज होती है। शॉर्टकट नाम की कोई चीज नहीं होती है। किसी भी व्यक्ति को मुंबई में जाने के बाद 1 साल में काम नहीं मिल सकता इसका उदाहरण मैं खुद हूं। क्योंकि मुझे इंडस्ट्री तक पहुंचने में 20 साल की तपस्या है किसी चीज को अगर हम मेहनत से प्राप्त करते हैं तो सब में उस चीज की सफलता होती है।