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मंत्री का डिनर ऑफर ठुकराना विद्या बालन को पड़ा भारी, रुकी शूटिंग

मंत्री का डिनर ऑफर ठुकराना विद्या बालन को पड़ा भारी, रुकी शूटिंग

अपनी अदाओं से सबको दिवाना बनाने वाली विद्या बालन इन दिनों अपनी फिल्म शेरनी की शूटिंग में व्यस्त हैं। आपकों बता दें कि आठ नवंबर को विद्या शूटिंग के लिए मध्य प्रदेश के बालाघाट पहुंची थीं, उसी दिन विद्या बालन से मिलने प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह पहुंच गए। वन मंत्री ने मुलाकात के बाद विद्या बालन को डिनर का न्योता दिया तो विद्या बालन अनकंफर्टेबल हो गई और उन्होंने मंत्री जी की पेशकश ठुकरा दी। न्योता खारिज करने को मंत्री जी ने अपने इगो पर ले लिया, जिसके बाद विद्या को काफी दिक्कतें उठानी पड़ गई।

ये था मामला

बता दें कि फिल्म की प्रोडक्शन यूनिट ने 20 अक्तूबर से 21 नवंबर तक शूटिंग की स्वीकृति ली थी। जब विद्या बालन शूटिंग के लिए पहुंची को वन विभाग ने अभिनेत्री से मिलने की इच्छा जताई। अभिनेत्री और मंत्री के मिलने का समय आठ नवंबर को सुबह 11 से 12 बजे के बीच तय हुआ। इसके बाद शाम चार बजे वन मंत्री शाह को बालाघाट से महाराष्ट्र के ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व जिला चंद्रपुर के लिए रवाना होना था। ताडोबा में उनका रात को ठहरने की योजना थी, लेकिन वे भरवेली खदान के गेस्ट हाउस में रुक गए। चूंकि विद्या बालन महाराष्ट्र के गोंदिया में रुकी हुई थीं, इसलिए उन्होंने मंत्री जी के साथ रात का खाना खाने से इनकार कर दिया।

प्रोडक्शन यूनिट की रोकी गई गाडियां

दूसरे दिन जब फिल्म से जुड़े लोग रोज की तरह वहां पहुंचे तो साउथ डीएफओ जीके बरकड़े ने प्रोडक्शन यूनिट की गाड़ियां रोक दीं।अचानक वन विभाग के इस रुख की जानकारी बड़े अफसरों तक पहुंची तो तुरंत डीएफओ को निर्देश दिया गया,तब शूटिंग शुरू हो सकी। इस बारे में चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट नरेंद्र कुमार सनोडिया ने बताया कि मुलाकात के समय वे खुद मंत्रीजी के साथ थे।

सीसीएफ ने कहा कि उन्हें डिनर की पेशकश के बारे में जानकारी नहीं है। दूसरे दिन डीएफओ ने कुछ गाड़ियां जरूर रोकी थीं। इस पर पीएस ने फोन करके डीएफओ को कहा कि प्रदेश में फिल्म की शूटिंग कम ही होती है।ऐसे काम रोकोगे तो प्रदेश की बदनामी होगी. इसके बाद शूटिंग शुरू हो गई।

इस कारण रोकी गई थी गाडियां

वन मंत्री शाह ने कहा कि डिनर का इंतजाम जिला प्रशासन ने किया था। वो गाड़ियां इसलिए रोकी गईं, क्योंकि शूटिंग के दौरान जंगल में दो जनरेटर जाते थे, लेकिन उस दिन उन्होंने जनरेटर वाली कई गाड़ियां जंगल में ले जाने की कोशिश की जिसे डीएफओ ने रोक दिया था।

मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...

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