DD show: आज़ादी के 70 सालों में देश में बहुत कुछ बदल गया है और सबसे बड़ा बदलाव हमारे मनोरंजन के तरीकों में आया है. पहले फ़िल्में देखना एक उत्सव हुआ करता था, लेकिन अब ये हर वीकेंड की योजना बन गई है. पहले घरों में मनोरंजन का एकमात्र साधन दूरदर्शन ही था, लेकिन आज हमारे पास हज़ारों चैनल हैं. लेकिन फिर भी, दूरदर्शन (DD show) के ज़माने में कुछ ऐसे धारावाहिक थे, जिन्हें हम आज भी याद करते हैं. इस बीच, आइए जानें कि ये 6 प्रतिष्ठित डीडी शो कौन से हैं?
शक्तिमान
सबसे पहले आता है सुपरहीरो पर आधारित शो ‘शक्तिमान’. मुकेश खन्ना का यह दूरदर्शन (DD show) पर बच्चों के लिए किसी जादू से कम नहीं था. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी रविवार को आने वाले इस शो का इंतज़ार करते थे. ‘शक्तिमान’ की लोकप्रियता को देखते हुए मुकेश खन्ना ने इस पर आधारित फिल्म बनाने की भी घोषणा की है. 90 के दशक में सुपरहीरो शो शक्तिमान रविवार को दोपहर 12 बजे भारत के हर घर के टीवी सेट पर प्रसारित होता था.शक्तिमान का पहला एपिसोड 13 सितंबर 1997 से 27 मार्च 2005 तक चला. इसके कुल 400 से ज़्यादा एपिसोड थे. यह 8 सालों तक प्रसारित हुआ. इसके निर्देशक दिनकर जानी थे.
हम लोग
मनोहर श्याम जोशी को भारतीय टेलीविजन पर धारावाहिकों का जनक कहा जा सकता है. उनका दूरदर्शन (DD show) पर ‘हम लोग’ इसका एक उदाहरण है. 154 एपिसोड वाला यह धारावाहिक 7 जुलाई 1984 को शुरू हुआ और 17 दिसंबर 1985 तक दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ. इसके निम्न-मध्यम वर्गीय किरदार न सिर्फ़ दर्शकों से जुड़ने में कामयाब रहे, बल्कि वे आम लोगों की तरह अपनी भाषा में बात करते भी नज़र आए. फिर अशोक कुमार का आना, ‘छन पकाइया, छाप पकाइया…’ कहना वाकई मज़ेदार था.
ब्योमकेश बक्शी और मालगुडी डेज़
90 के दशक में ‘डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी’ सबका पसंदीदा शो हुआ करता था. रजित कपूर ने इस दूरदर्शन (DD show) में ब्योमकेश बख्शी का किरदार निभाया था. इस किरदार ने उन्हें उनके करियर में बुलंदियों तक पहुँचाया. लोग आज भी इसकी एपिसोडिक कहानियों को खूब पसंद करते हैं. इसके उतार-चढ़ाव से प्रभावित होकर आज भी कई धारावाहिक बन रहे हैं. एक छोटा बच्चा और उसकी शरारतें, एक ऐसा बच्चा जिसका बचपन हर बड़ा इंसान जीता है. यह किताब आर.के. नारायण द्वारा लिखी गई है और इसका निर्देशन शंकर नाग ने किया है। यह सीरीज़ 1986 में बनी थी।
चंद्रकांता और महाभारत
द्रकांता (1994-96) सिर्फ़ एक शो नहीं, बल्कि एक पूरा युग था. इस शो का लगभग हर किरदार लोगों के दिलो-दिमाग़ पर छाया रहा। चाहे वो क्रूर सिंह हो या ख़ुद चंद्रकांता. क्रूर सिंह की ‘यक्कू’ आज भी लोगों को याद है. यह पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी की लेखनी का ही जादू है कि इन दिनों इस पर दो धारावाहिक बन रहे हैं. अगर आपने दूरदर्शन (DD show) देखा होगा तो एक आवाज आपको जरूर सुनने को मिली होगी और वो है ‘मैं समय हूं…’ महाभारत अपने समय का सबसे लोकप्रिय शो था, जिसे लोग सबकुछ छोड़कर देखते थे.