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जानिए क्या है पोक्सो एक्ट, क्यों और किस पर लगती है ये धारा, एवं कितने साल की होती है सजा

जानिए क्या है पोक्सो एक्ट, क्यों और किस पर लगती है ये धारा, एवं कितने साल की होती है सजा

पोक्सो एक्ट के बारे में तो आपने सुना ही होगा, यह  कानून  नाबालिग बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट और पॉर्नोग्राफी जैसे अपराधों से प्रोटेक्ट करने के लिए 2012 में बनाया गया था. हाल ही में इस कानून में कुछ अमेंडमेंट हुए हैं, जिसकी वजह से ये कानून और भी ज्यादा मजबूत हो गया है. इस अधिनियम का पूरा नाम है the protection of children’s act . सरकार ने कानून को  2012 में बनाया था,जिसके बाद  यह कानून पूरे भारत पर लागू होता है.

इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले सेक्सुअल ऑफेंस और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है. साथ ही इसके द्वारा बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट सेक्सुअल एसॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे सीरियस क्राइम से प्रोटेक्शन मिलती है.  क्या है ये कानून,और क्या है इसके प्रावधान आइये जानते हैं हमारे इस खास लेख में,

क्या है पोक्सो एक्ट

साल 2012 में बनाये गए पोक्सो कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजाएं तय की गई है. पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि मामले को 24 घंटे के अंदर अंदर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की निगरानी में लाए, ताकि सीडबल्यूसी बच्चे की सिक्योरिटी के लिए जरूरी कदम उठा सके.

इस पोक्सो  कानून में बच्चे की मेडिकल जांच के लिए भी प्रावधान किये गए हैं. जो कि इस तरह से होनी चाहिए ताकि बच्चे के लिए कम से कम पेन फुल हो. बच्चे की मेडिकल जाँच बच्चे के माता-पिता या किसी ऐसे व्यक्ति की उपस्थिति में की जानी चाहिए जिस पर बच्चे का विश्वास हो. अगर विक्टिम लड़की है तो उसकी मेडिकल जांच फीमेल डॉक्टर के द्वारा ही की जानी चाहिए. साथ ही इस तरह केस की सुनवाई बंद कमरे में किए जाने का प्रावधान है और इस दौरान बच्चे की पहचान गुप्त रखना भी जरूरी है.स्पेशल कोर्ट उस बच्चे को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि भी तय कर सकती है.

पोक्सो एक्ट में मिलनी वाली सजाएं

पॉक्सो एक्ट में मिलनी वाली सजा इस प्रकार है.

* 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान किया गया है.

* 16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप करने पर कम से कम 10 साल और ज्यादा से ज्यादा 20 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है.

पोक्सो एक्ट से जुड़ी 7 बड़ी बातें

1. 18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का सेक्सुअल बर्ताव इस कानून के दायरे में आता है.

2. इस एक्ट के तहत बच्चों को सेक्सुअल एसॉल्ट सेक्सुअल हैरेसमेंट और पॉर्नोग्राफी जैसे अपराधों से प्रोटेक्ट किया गया है.

3. कोई शख्स किसी बच्चे के शरीर के किसी भी हिस्से में प्राइवेट पार्ट डालता है तो सेक्शन 3 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है, इसके लिए धारा 4 में सजा तय की गई है.

4. अगर अपराधी ने कुछ ऐसा अपराध किया है जो कि बाल अपराध कानून के अलावा किसी दूसरे कानून में भी अपराध है तो अपराधी को सजा उस कानून में होगी जो सबसे सख्त होगा.

5. पोक्सो एक्ट के तहत अगर कोई शख्स किसी बच्चे के प्राइवेट पार्ट को टच करता है या अपने प्राइवेट पार्ट को बच्चे से टच कर आता है तो धारा 8 तहत सजा मिलेगी.

6. अगर कोई शख्स गलत नीयत से बच्चों के सामने सेक्सुअल हरकतें करता है, या ऐसा करने को कहता है, या पोर्नोग्राफी दिखाता है तो उसे 3 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा हो सकती है.

7. इस अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति यह जानता है कि किसी बच्चे का यौन शोषण हुआ है तो उसकी रिपोर्ट नजदीकी थाने में देना चाहिए यदि वह ऐसा नहीं करता है तो उसे 6 महीने का कारावास हो सकता है.

तो यह थी पोक्सो एक्ट से जुड़ी कुछ खास बातें जिन्हें आप को जानना ही चाहिए. हम हर रोज कानून से जुड़ी नई-नई जानकारियां आपके समक्ष लेकर आते रहते हैं. अगर आपको हमारी जानकारियां अच्छी लगती है तो बने रहिए Hindnow.com के साथ और बढ़ाते रहिए अपने ज्ञान को.

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