रजनीकांत का आज 70 वाँ जन्मदिन है. साऊथ के भगवान् कहे जाने वाले इस सुपर स्टार की साऊथ के साथ फिल्म इंडस्ट्री में शानदार फैन फोलोइंग है. स्टारडम को नये स्तर तक पहुचाने वाले इस स्टार की स्टाइल की कॉपी दुनियाभर में की जाती है.
आज हम बात करने रजनीकांत के बारे में की कैसे उन्होंने एक बस कंडक्टर से एक सुपर स्टार बनने तक का सफ़र तय किया
रजनीकांत बस कंडक्टर हुआ करते थे किसी जमाने में
साऊथ के सुपर स्टार रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरु में हुआ था. रजनीकांत का शुरुआती जीवन बहुत परिश्रम भरा रहा था. पहले वो कुली का काम किया करते थे ,इसके बाद उन्होंने बसों में कंडक्टर का करना शुरू किया. उनका स्टाइल शुरू से ही सबसे अलग रहा था. वो कई बार बस में ही लोगों को अपने एक्टिंग से लोगों को इम्प्रेस कर दिया करते थे.
बात करे उनके करियर की तो उनको सबसे पहले साऊथ की पिक्चरों में काम करने का मौका मिला था. लेकिन दिक्कत ये थी उनको शुरू में कई सालो को सिर्फ नेगेटिव रोल ही मिले. साल 1977 में उन्हें पहली बार ‘केल्वीकुरी’ में लीड रोल करने का मौका मिला जिसमें में उन्होंने अपनी शानदार एक्टिंग और स्टाइल से दर्शको का दिल जीत लिया.
इस फिल्म के बाद तो जैसे उनकी किस्मत एकदम पलट गयी. शुरू में एसपी मुत्थुरमन में फिल्मों में कास्ट करवाया, फिर इन दोनों की जोड़ी ऐसी जमी की 90 के दशक आते -आते इन दोनों लगातार 24 फिल्मे की जिसमें ज्यादातर फिल्मे हिट रही थी. इसके बाद रजनीकांत ने हिंदी फिल्मों में अपना कदम रख दिया.
हिंदी फिल्मों में छा गए रजनीकांत
रजनीकांत को अपनी सबसे अलग स्किल होने की वजह से हिंदी फिल्मों के लिए ऑफर मिलने लगे. उन्होंने 80 के दशक में कई हिंदी फिल्मे की थी. रजनी ने अंधा कानून, गिरफ्तार, वफादार, बेवफाई, भगवान दादा, असली नकली, इंसाफ कौन करेगा और तमाचा जैसी फिल्मों में अपने शानदार अभिनय से हिंदी फिल्मों को चाहने वालों के दिल में एक अलग ही जगह बना ली.
एक समय तो ऐसा आया की सिर्फ उनके नाम से ही फिल्मे हिट हो जाती थी. उनके फेंस उनकी फिल्मों के इंतजार किया करते थे. हाल में ही रजनी ने अपनी उम्र अधिक हो जाने पर भी ब्लाक बस्टर मूवी की है जैसे- काबिल, लिंगा, 2.0 पेटा, रोबोट, शिवाजी डी बॉस और दरबार. उन्हें अपने शानदार अभिनय के चलते पद्म भूषण पद्म विभूषण जैसे सम्मानित पुरुष्कार भी मिल चुकें है.