भारत में कोरोनावायरस की दवा को लेकर बहुत तेजी से काम किया जा रहा है। डीजीसीईआई इस मामले में बहुत तेजी से संज्ञान ले रहा है। इसी बीच डीजीसीईआई ने कोरोना की दवा बना रही कंपनी बायोकॉन को उसकी बनाई हुई दवा इटोलिजुमाब के तीसरे फेज के ट्रायल को मंजूरी देते हुए कोरोना की दवा की मुहिम को अब और ज्यादा आगे बढ़ा दिया है।
बढ़ती है प्रतिरोधक क्षमता
खबरों के मुताबिक बायोकॉन द्वारा बनी कोरोना की दवा का उपयोग कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज़ के लिए किया जाएगा। जिसके जरिए शरीर में कोरोना के कारण विकसित हुई साइटोकिन स्ट्रॉम के खिलाफ लड़ने में शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है।
कारगर है दवा
कोरोना की दवा को लेकर दवा बनाने वाली कंपनी बायोकॉन ने दावा किया है कि 20 मरीजों को ये दवा दी गई थी और जिनमें से 10 लोगों की स्टैंडर्ड केयर भी की गई थी, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि सभी 20 मरीज इस प्रयोग में पूरी तरह स्वस्थ हुए हैं और कोरोनावायरस को मात दे चुके हैं, जो ये बताता है कि ये कोरोना की दवा कारगर है।
जल्दी मिली अनुमति
आपको बता दें कि पिछले शुक्रवार को ही डीजीसीईआई ने इस कोरोना की दवा के लिए फेज 2 में तीस लोगों पर ट्रायल को मंजूरी दी थी। इसलिए बड़ी बात ये है कि एक हफते में ही कंपनी को सकारात्मक नतीजे मिले है जिसे देखते हुए इसके तीसरे फेज के ट्रायल को भी मंजूरी दे दी गई है।
कंपनी ने कोरोना की वैक्सीन को लेकर बताया है कि रेस्ट्रीक्टड इमेरजेंसी यूज” को डीजीसीईआई द्वारा मंजूरी दे दी गई है। बड़ी बता ये भी हैं कि रिस्क मैनेजमेंट के प्लान के साथ फेज-4 के क्लीनिकल ट्रायल को शुरू करने की बड़ी बात कही है।
आपको बता दें कि कोरोनावायरस के कारण देश में बढ़ते मामलों के कारण एक बार फिर लॉकडाउन जैसी स्थिति बन रही है। इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए सभी तरह की वैक्सीन और दवाओं के शोध और निर्माण में तेजी लाई जा रही है जिससे लॉकडाउन की परिस्थितियों से बचा जाए।