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चीन के S-400 से है भारत को खतरा , बराक -8 LRSM ड्रैगन को दिखाएगा उसकी सही जगह

चीन के S-400 से है भारत को खतरा , बराक -8 Lrsm ड्रैगन को दिखाएगा उसकी सही जगह

एलएसी पर 15 जून को हुई हिंसक झड़प से भारत और चीन के बीच चरम पर है। 15 जून को हुई झड़प में चीन ने भारत के खिलाफ साजिशें रची थी। दोनों देशों की सेनाये एक दूसरे के खिलाफ एडवांस हथियारों को सीमाई इलाके में तैनात कर दिया है। जिस तरह से चीन सीमाओं पर एक्टिविटी कर रहा है, वहीं भारत ने भी स्वदेशी आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम की भी तैनाती कर दी है।

भारत ने चीन को साफ़ संदेश दिया है कि यदि चीनी लड़ाकू विमानों ने भारतीय एयरस्पेस में घुसने की कोशिश की तो भारत में उन्हें तुरंत मार गिराया जाएगा। सूत्रों के अनुसार संकट के इस समय में भारत अपने पुराने दोस्त इजरायल से एक एयर डिफेंस सिस्टम खरीद सकता है।

चीन की ऐसी हरकतों को देखते हुए भारत भी चीन को जवाब देगा, सूत्रों के अनुसार भारत बराक-8 LRSM को खरीदने की तैयारी में है। भारत इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) ने 2018 में यह जानकारी दी थी कि भारत से उसने 777 मिलियन डॉलर (करीब 5687 करोड़ रुपये) की बराक-8 मिसाइल डिफेंस सिस्टम डील की है। बराक-8 मिसाइल एलआरएसएएम श्रेणी के तहत काम करता है।

बराक -8 LRSM-

 

 

बराक-8 LRSM एक भारतीय-इजरायली लंबी दूरी वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। बराक 8 को विमान, हेलीकॉप्टर, एंटी शिप मिसाइल और यूएवी के साथ-साथ क्रूज मिसाइलों और लड़ाकू जेट विमानों के किसी भी प्रकार के हवाई खतरा से बचाव के लिए डिजाइन किया गया है।

बराक 8 संयुक्त रूप से इजरायल की इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) और भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है। हथियारों और तकनीकी अवसंरचना, एल्टा सिस्टम्स और अन्य चीजो के विकास के लिए इजरायल का प्रशासन जिम्मेदार होगा। जबकि भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) मिसाइलों का उत्पादन करेगी।

बराक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। शिप पर इसका इस्तेमाल एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के रूप में किया जाता है। इसे आईएआई ने इजरायल रक्षा मंत्रालय और भारतीय रक्षा अनुसंधान के सहयोग से तैयार किया गया है। दोनों देशों की सेनाएं इसका इस्तेमाल करती हैं।

कहाँ तैनात रहेगी मिसाइल –

 

 

बराक -8 LRSM को आईएनएस विक्रांत और नेवी के कोलकाता-क्लास डेस्ट्रॉयर्स पर इंस्टॉल किया जाएगा। अमेरिका और रूस के साथ अब इजरायल भी भारत के लिए हथियारों का सबसे बड़ा सप्लायर बन गया है। जबकि इसके जमीनी एयर लॉन्च वर्जन को चीन से लगी सीमा पर तैनात किया जाएगा। इसकी रेंज इतनी होगी कि दुश्मन सीमा पार करने की कोशिश भी नहीं कर पाएंगे।

 

 

 

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