आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान इतना अपनी जरूरतों को पूरा करने में व्यस्त हो जाता है, कि उसे अपने सेहत की चिंता ही नहीं रहती है, इंसान अपनी बात को दुसरो से नहीं कह पाता है, रोजमर्रा की परेशानियां उसे इस तरह जकड़ लेती हैं, कि इंसान हंसना, बोलना और खुश रहना भूल जाता है, जो धीरे-धीरे डिप्रेशन का रूप ले लेती है और कई लोग इस बीमारी से पीड़ित होकर खुद की अनमोल जिंदगी ही अपने ही हाथों से ले लेते हैं, वो ये भी नहीं सोचते कि उनके परिवार और चाहने वालों का क्या होगा.
चलिए हम आपकी जिंदगी में हंसी लाने के लिए आपकों कुछ ऐसे जोक्स दिखा रहे हैं, जो सोशल मीडिया पर आजकल तेजी से वायरल हो रही है:
जोक्स 1:
मैडम ने पुछा :- ये किताब किसकी है…?
चिंटू बोला :- मैडम ये किताब कागज की है..!!
मैडम :- अरे ये तो मुझे भी पता ही की ये किताब कागज की है.
चिंटू बोला :- पता है तो फिर पूछ क्यों रही हो..?
जोक्स 2:
जोक्स 3:
पेपर देते समय एक बच्चा गुमसुम सा था . .
Madam : तुम confused क्यों हो ?
बच्चा : चुप रहा
Madam : क्या तुम पैन भूल गए ?
बच्चा फिर चुप रहा
Madam : क्या रोल नं भूल गए ?
बच्चा फिर चुपचाप रहा .
Madam : क्या कैल्कुलेटर भूल गये हो ?
बच्चा : अरे चुप हो जा मेरी माँ ! ! इधर मै पर्चियां गलत सब्जेक्ट की ले आया और तुझे पेन पेंसिल की आग लगी है . . .
जोक्स 4:
जोक्स 5:
चूहों की गँग तलवार लेकर भाग रही थी . .
शेर ने पूछा : क्या हुआ , तुम लोग इतने गुस्से से कैसे भाग रहे हो . . ?
चुहा : हाथी कि बेटी को किसी ने प्रपोज किया है . . . . . . नाम हमारा आ रहा है . . . . . ”
लाशें बिछा देंगे . . . लाशें . .
जोक्स 6:
जोक्स 7:
घर जाते हुए वाट्सएप देख रहा था |
पडोस के घर में कब पहुँच गया पता ही नहीं चला |
और आश्चर्य ये है कि उस घर की औरत ने चाय बनाकर दी
सीरियल में ध्यान होने के कारण उसे भी नहीं पता चला . . .
हद तो तब हो गई जब . . . .
मै चाय पी रहा था कि उसका पति घर आया और मुझे देखते ही बोला . . .
” सारी गलत घर में आ गया ” कहकर बाहर निकल गया . . !
वो बेचारा . . . Facebook में व्यस्त था ! ! !
जोक्स 8:
जोक्स 9:
बच्चे की पैदाइश के बाद डिलीवरी रूम से
निकले एक घंटा बीत जाने पर औरत को अभी-अभी होश आया!
बदन में ताक़त बिलकुल ख़त्म हो गयी थी …
करवट लेना तो दूर की बात हिलने में भी बेपनाह दिक्कत हो रही थी!
उसने बड़ी मुश्किल से दाहिने हाथ को हरकत दी,
कुछ टटोला, हाथ को कुछ महसूस नहीं हुआ
फिर बाएँ हाथ को हरकत देने की कोशिश की…
कुछ नहीं हाथ लगा. वह बेचैन हो गई.
खयाल आया कहीं नीचे लुढ़क के गिर तो नहीं गया!
ओह खुदाया…!
हिम्मत जुटा कर बमुश्किल पलंग के नीचे देखा, नीचे भी नहीं …
मन में घबराहट होने लगी….. माथे पर पसीने की बूंदें नुमाया हो गयीं.
दूर खड़ी नर्.स को इशारे से बुलाया …
होंठ हिले पर अल्फ़ाज़ नहीं निकल सके.
नर्स ने औरत की घबराहट महसूस कर ली…
उसकी आँखें भी नम हो गयीं…
आखिर वह भी माँ थी, और माँ की तड़प को कैसे ना समझ पाती?
दौड़ कर इन्क्यूबेटर रूम से नव जन्मे बच्चे को लाकर उस माँ के हाथों में थमाते हुए कहा,
“मैं समझ सकती हूँ बहनलो …जी भर के देख लो.”
औरत अपनी तमाम हिम्मत जुटा कर माथा पोछते हुए बोली …
“बहुत शुक्रिया, लेकिन मैं तो अपना 🤳मोबाइल ढूँढ़ रही थी…
फेसबुक पर स्टेटस् लगाना है कि मैं माँ बन गयी हूँ.”
सचमुच इस दुनिया का अब कुछ नहीं हो सकता …
जोक्स 10: