अनलाक होने के बाद भी महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही है। बढ़ती मंहगाई ने रसोई का बजट बिगाड कर रख दिया है। रिफाइंड तेल के भाव आसमान छू रहे हैं। लाकडाउन के दौरान 120 से 130 रुपये प्रति लीटर बिकने वाले रिफाइंड तेल वर्तमान में 160 से 170 रुपये दर से बिक रहा है। यहीं हाल दाल व चावल का भी है। लाकडाउन के पहले अरहर दाल की कीमत 60 से 110 रुपये थी, अभी 80 से 140 रुपये हो गई है। चावल की कीमत में भी प्रति किलो चार से 10 रुपये तक की बढ़ोतरी बताई जा रही है ।
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लाकडाउन होने के कारण कई सामान के दाम बढ़ते चले गए। उसे न तो सरकार रोक पाई और ना ही प्रशासन। महंगाई के कारण लोगों के घरों का बजट बिगड़ गया और सामान की कालाबाजारी के कारण ही आज सभी सामान के दाम बढ़ गए। कोरोना के कारण जिलेभर में लाकडाउन भी किया था लगभग डेढ़ वर्षो से करोना संक्रमण के चलते लोगों की जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं आर्थिक व्यवस्था भी चरमरा गई है, लेकिन बढ़ते कोरोना संक्रमण और लाकडउन के बीच आम जनता को महंगाई से भी दो-चार होना पड़ रहा है।
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आलम यह है कि लाकडाउन के चलते कई लोगों की नौकरी हाथ से चली गई और कई बहुत सारे लोग बेरोजगार हो गए वही सामान के कालाबाजारी के चलते दामों पर भी इसका असर पड़ा है और सामान के दाम दोगुने हो गए हैं। यही कारण है कि आम जनता महंगी दामों पर सामान लेने को मजबूर हो रहे हैं और महंगाई के चलते लोगों की आर्थिक व्यवस्था जो है चरमरा गई है और लोगों के घर का बजट बिगड़ गया है।
सामान के दाम पहले अब
अरहर दाल 90 रुपये किलो 130 किलो रुपये
चना दाल 60 रुपये किलो 80 किलो रुपये
मसूर दाल 80 रुपये किलो 110 रुपये किलो
रिफाइंड तेल 120 रुपये किलो 170 रुपये किलो
सोयाबीन रिफाइंड 110 रुपये किलो 140 रुपये किलो
सारसों तेल 120 रुपये किलो 160 रुपये किलो
पेट्रोल 80 लीटर 93 रुपये लीटर