अफगानिस्तान (Afghanistan) पर लगभग दो दशक के बाद फिर से तालिबान (Taliban) काबिज हो चुका है. तालिबान के द्वारा शासन पर कब्जा जमाने की वजह से अफगानिस्तान से दूसरे देशों को एक्सपोर्ट होने वाले उत्पादों पर भी काफी नकारात्मक असर पड़ा है. बता दें कि वर्षों से भारत और अफगानिस्तान के आपस में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं. इसके अलावा दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध भी काफी पुराने समय से चले आ रहे हैं. भौगोलिक निकटता और ऐतिहासिक संबंधों को देखते हुए भारत-अफगानिस्तान का आपस में एक मजबूत व्यवसायिक रिश्ता रहा है. हालांकि अफगानिस्तान में हाल में हुए घटनाक्रम की वजह से भारत में ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है.
कई राज्यों में ड्राई फ्रूट्स की कीमत बढ़ी
जानकारों का कहना है कि अफगानिस्तान में मचे उठापटक होने की वजह से वहां से इंपोर्ट प्रभावित हुआ है. ऐसे में जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों में ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. जानकारों का कहना है कि कारोबारी अफगानिस्तान से पिस्ता, बादाम, अंजीर, अखरोट समेत कई ड्राई फ्रूट्स का इंपोर्ट करते हैं, लेकिन पिछले 15 दिन से इंपोर्ट नहीं हो पा रहा है. ऐसे में मार्केट में सूखे मेवे की किल्लत होने लग गई है.
जम्मू ड्राई फ्रूट्स रिटेलर एसोसिएशन (Jammu Dry Fruit Retailers Association) के प्रेसिडेंट ज्योति गुप्ता का कहना है कि अफगानिस्तान से आयात बाधित होने से जम्मू में सूखे मेवों के दाम बढ़ गए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिन से अफगानिस्तान से आयात गतिविधि प्रभावित है.
दिवाली में और महंगी होगी कीमत
अफगानिस्तान में तालिबान के उभार से सूखे मेवे, शहतूत और बादाम की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है. जानकारों का कहना है कि अगर यही हालात रहे तो देश में दिवाली के दौरान अफगानिस्तान से आयातित सूखे मेवे की कमी का सामना तो करना पड़ ही सकता है साथ ही बढ़ती कीमतों से भी जूझना पड़ सकता है.