नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों के साथ-साथ खाद्दा तेलों के दाम (Edible Oil Price) को लेकर भी आज यानी 8 फरवरी 2022 के दिन की शुरुआत आम जनता के लिए राहतभरी हुई है। पिछले कुछ समय से आसमान छू रही खाने के तेल की कीमतों में हाल में 30 से 40 रुपए तक की कटौती की गई थी, जो आज भी बरकार है।
इन तेलों की कीमतों में आई 30-40 रुपए की कमी
आपको बता दें कि, दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में अब तक जो सरसों का तेल 160 से 170 रुपए प्रति किलो के भाव में मिल रहा था। उसकी कीमतों में अब 30 से 40 रुपए की कटौती कर दी गई है। इसी के साथ ही सोयाबीन तेल, सीपीओ, पामोलीन सहित बाकी सभी तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।
इस वजह है से तेल की कीमतों में आया सुधार
गौरतलब है कि एक तरफ जहां जनता को सरसों के तेल की कीमतों में थोड़ी राहत मिली है। वहीं, तेल कारोबारियों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है। बाजार के सुत्रों के मुताबिक कारोबारियों का कहना है कि, महाराष्ट्र के धुरिया में प्लांट वाले सोयाबीन दाना 6,625-6,650 रुपये क्विन्टल की कीमत पर खरीद रहे हैं। इससे सोयाबीन दाना एवं लूज के भाव में सुधार आया।
मिल मालिकों को हो रहा भारी नुकसान
हालांकि कि इससे मिल वालों को सोयाबीन का कारोबार बेपड़ता बैठता है और बाजार में भाव पेराई की लागत से कहीं सस्ता होने से मिलों को पेराई के बाद तेल सस्ते में बेचने को बाध्य होना पड़ता है। मिल वालों, संयंत्रों, आयातकों सभी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा कि अपनी खाद्य तेल जरुरतों के लिए 65 प्रतिशत आयात पर निर्भर देश के व्यापारियों और आयातकों को बेपड़ता भाव पर तेलों की बिक्री क्यों करनी पड़ रही है? उन्होंने लागत से कम भाव पर बिक्री करने की बाध्यता पर गौर करने का सरकार से अनुरोध किया।