Mustard Oil Price: पिछले 16 दिनों से जारी रुस-यूक्रेन के बीच का युद्ध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस लड़ाई का असर अब क्रूड ऑयल की कीमतों से लेकर शेयर बाजार तक पर पड़ने लगा है। ऐसे में अब जल्द ही एक बार फिर से लोगों पर महंगाई की गाज गिरने वाली है। हालांकि, अभी खाने के तेल कीमतें अपने उच्चतम स्तर से करीब 30 से 40 रुपए तक सस्ता बिक रहा है।
तेल की कीमतों में जनता को मिली राहत
जानकारी के मुताबिक, पिछले साल से ही सरसों तेल के साथ-साथ ही सोयाबीन, सूरजमुखी जैसे तेल के दाम सातवे आसमान पर थे। हालांकि नए साल की शुरुआत के साथ ही इनके बढ़ते दामों में लोगों को थोड़ी राहत दी गई थी। मालूम हो कि, साल 2021 में सरसों तेल की कीमत 200 रुपए के पार पहुंच गई थी, जो अब 30 से 40 रुपए तक की कटौती के बाद 165 रुपए प्रति लीटर के भाव पर बाजारों में बिक रहा है।
नई फसल की आवाक बढ़ी
आपको बता दें कि, साल 2021 में खानें के तेल की कीमत कम थी, लेकिन धीरे-धीरे जून महीने तक आते-आते सरसों तेल की कीमतें 400 के पास पहुंच गई थी। हालांकि साल 2022 के आने तक इसके दाम कम होकर 180 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गए हैं। जानकारी के मुताबिक, सरसों की नई फसल की आवक बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन की कीमतों में गिरावट देखने को मिली।
इतने कम हुए सरसों तेल के दाम
मालूम हो कि, साल 2021 से लेकर नए साल यानी 2022 की शुरुआत तक देश में सरसों तेल और सोयाबीन तेल की कीमतें 210 से लेकर 200 रुपए तक के बीच में मिल रही थी। जिनमें अब 30 से 40 रुपए तक की कटौती की गई है। वहीं इसी के साथ ही सोयाबीन तेल, सीपीओ, पामोलीन सहित बाकी सभी तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।