Mustard Oil Price

Mustard Oil Price: पिछले साल यानी 2021 से लेकर साल 2022 के जनवरी महीने तक खाने के तेल की कीमतों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला। पहले ही बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रही जनता पर सरसों तेल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी से रसोई का बजट बिगड़ गया था। हालांकि इस बीच बीते कई दिनों से खाने के तेल की कीमतों में आम जन को थोड़ी राहत मिल रही है। सरकार ने सरसों तेल के दाम में कटौती की है।

सातवे आसमान से जमीन पर आए तेल के भाव

Mustard Oil Price

आपको बता दें कि, देश में लगातार बढ़ रही महंगाई का असर रसोई गैस से लेकर खाने तक की चीजों पर साफ देखने को मिल रहा है। वहीं खाने के तेल की कीमतें तो मानों सातवे आसमान पर हो। खानें में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला सरसों और सोयाबीन के तेल का दाम 200 के पार चला गया था। लेकिन, इस बीच सरकार ने लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत देते हुए सरसों के तेल की कीमतों में कटौती की है।

सरसों के दाम में की गई 30 से 40 रुपए की कमी

Mustard Oil Price

मालूम हो कि, साल 2021 से लेकर नए साल यानी 2022 की शुरुआत तक देश में सरसों और सोयाबीन तेल की कीमतें 210 से लेकर 200 रुपए तक के बीच में मिल रही थी। जिनमें अब 30 से 40 रुपए तक की कटौती की गई है। वहीं इसी के साथ ही सोयाबीन तेल, सीपीओ, पामोलीन सहित बाकी सभी तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

सोयाबीन तेल की कीमतों में भी आया सुधार

Mustard Oil Price: खानें के तेल के दाम में आई जबरदस्त गिरावट, मात्र इतने रुपये में मिल रहा 1 लीटर सरसों का तेल

गौरतलब है कि एक तरफ जहां जनता को सरसों के तेल की कीमतों (Mustard Oil Price) में थोड़ी राहत मिली है। वहीं, तेल कारोबारियों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है। बाजार के सुत्रों के मुताबिक कारोबारियों का कहना है कि, महाराष्ट्र के धुरिया में प्लांट वाले सोयाबीन दाना 6,625-6,650 रुपये क्विंटल की कीमत पर खरीद रहे हैं। इससे सोयाबीन दाना एवं लूज के भाव में सुधार आया है।

कारोबारियों को हो रहा भारी नुकसान

Mustard Oil

मिल मालिकों का कहना है कि, सोयाबीन के कारोबार में पड़ता नहीं बैठ रहा है। ऐसे में उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बाजार में भाव पेराई की लागत से कहीं सस्ता होने से मिलों को पेराई के बाद तेल सस्ते में बेचने को बाध्य होना पड़ रहा है। मिल वालों, संयंत्रों, आयातकों सभी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कारोबारियों की सरकार से मांग है कि, जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान निकाला जाए ताकि उन्हें नुकसान के साथ तेल बेचने को बाध्य ना होना पड़े।

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