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दिल्ली की जेलों में बंद हैं 115 से भी ज्यादा किसान : अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि उन्हें एक  लिस्ट मिली है। जिसमें 115 किसानों को तिहाड़ जेल में बंद होने की बात कही गई है। अरविंद केजरीवाल ने कहा है, संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने उनसे मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा, जिसमें किसानों की गरफ्तारी को लेकर जानकारी दी गई है।

किसानों ने क्या कहा अरविंद केजरीवाल से

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर पिछले दो महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अब किसानों ने अपने आदोंलन और तेज करने का फैसला लिया है। इस बीच किसानों के सयुक्त मोर्चा ने दावा किया है, 26 जनवरी से लेकर अब तक 115 किसान प्रदर्शनकारियों को पकड़ कर दिल्ली पुलिस ने तिहाड़ जेल में बंद किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें किसानों के तिहाड़ जेल बंद होने को लेकर जारकारी दी गई है।

तिहाड़ जेल में बंद हैं किसान प्रदर्शनकारी

किसान नेताओं ने अरविंद केजरीवाल से मिलकर तिहाड़ जेल में बंद 115 किसानों की मेडिकल चांज कराने का अनुरोध किया है। इसके अलावा किसान नेताओं ने केजरीवाल से किसानों की मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा है।

ज्ञापन में कहा गया है कि पड़ोसी देश के जवान भी लौटा दिए जाते हैं, पर दिल्ली पुलिस तो किसानों को छिपा रही है। किसानों ने तिहाड़ जेल बंद किसान प्रदर्शनकारियों को छुढ़ाने के लिए एक लीगल कमेंटी का गठन भी किया है।

सरकार किसानों को डराने की कोशिश कर रही है

इसके अलावा किसानों के संयुक्त मोर्चो ने कहा है कि जब तक पुलिस एंव प्रशासन द्वारा जेल में बंद किसानों का उत्पीड़न बंद नहीं होता और उन किसानों की रिहाई नहीं होती है तब तक अब सरकार के साथ कोई औपचारिक बातचीत नहीं होगी।

संयुक्त किसना मोर्चा ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार का  सड़को पर कीलें ठोकना, कंटीले तार लगाना, आंतरिक सड़क मार्गो को बंद करना, इंटरनेट सेवाओं को बंद करना और भाजपा एंव आरएसएस के कार्यकर्ताओं के माध्यम से किसानों के खिलाफ प्रदर्शन करवाना दिखाता है कि यह सब काम सरकार, पुलिस एवं प्रशासन की ओर से नियोजित हमलों का हिस्सा हैं।

सरकार यह सब करके किसान को डराना चाहती है, लेकिन किसान अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे।

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