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गरीबी और पिछड़ेपन से संघर्ष कर खुद बने ADM, गरीबों को निशुल्क कोचिंग दे बना चुके हैं 70 को अधिकारी

गरीबी और पिछड़ेपन से संघर्ष कर खुद बने Adm, गरीबों को निशुल्क कोचिंग दे बना चुके हैं 70 को अधिकारी

अक्सर ऐसा होता है, जब कोई बड़ा अधिकारी बन जाता है या बड़ी सफलता हासिल कर लेता है, तो दूसरों के लिए कुछ खास करने में दिलचस्पी नहीं रखता, लेकिन पंकज कुमार वर्मा ने इन सबके बीच एक मिसाल कायम की है। पंकज खुद एक अफसर है और दूसरों को अफसर बनाने के लिए निशुल्क कोचिंग करवाते हैं। अपने जैसे कई युवाओं को आगे बढ़ने की दिशा में यह लगातार काम कर रहे हैं।

 

 

उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के अपर जिलाधिकारी पंकज कुमार वर्मा सिविल सेवा की तैयारी करने वाले युवाओं के हुनर को तराश कर उन्हें सही मार्गदर्शन करवा रहे हैं। पंकज सिविल सर्विसेज मार्गदर्शिका कोचिंग की स्थापना करके आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्रों को निशुल्क शिक्षा देने का काम कर रहे हैं। सभी छात्रों को निशुल्क शिक्षा देकर उन्हें अपनी तरह बड़ा अफसर बनाना चाहते हैं।

अब तक 70 युवाओं का हो चुका चयन

पंकज कुमार द्वारा यह मुहिम पिछले कई साल से शुरू की गई है, जिसमें उनके मार्गदर्शन के द्वारा तक 70 छात्र-छात्राओं को सिविल सर्विसेज से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवा का मौका दे रहे हैं। यूपीएससी परीक्षा के परिणाम में हाल ही में मार्गदर्शिका की कोचिंग के 9 युवा पत्रों का चयन किया गया है। उनकी इस अनूठी पहल और सामाजिक कार्यों के लिए लोग उनकी सराहना कर रहे हैं।

 

 

2016 से की गई मार्गदर्शिका कोचिंग सेंटर

पंकज अपने सामाजिक कार्यों के लिए काफी फेमस है। यह अब तक उत्तर प्रदेश के तीन अन्य जिलों में इस तरह की संस्था चला रहे हैं। पंकज ने 2016 में सहारनपुर पर एसडीएम पद पर रहते हुए भी अपने अन्य सभी दोस्तों की सहायता लेकर सिविल सर्विसेज मार्गदर्शिका कोचिंग सेंटर की स्थापना की थी। जिससे कि जो भी छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं या फिर कोचिंग नहीं कर पा रहे हैं। उनके लिए तैयारी करवा सकें।

मित्र दे रहे साथ

पहले सहारनपुर और उसके बाद बिजनौर के साथ-साथ मुरादाबाद में निशुल्क सिविल सर्विसेज मार्गदर्शिका का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए पंकज वर्मा के दोस्त मिलकर इन्हीं जिलों में तैनात हैं और मदद भी कर रहे हैं। दूर-दूर क्षेत्रों में जाकर यह युवाओं को प्रेरित करते हैं। उनको कुछ दिन की तैयारी करवाते हैं। गैर जिलों में तैनाती के बाद ऑनलाइन क्लास भी चलाई जाती है। छुट्टियों में वह खुद ही क्लास लेते हैं। इस तरह की मुहिम से वह लाखों युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं और आगे बढ़ने का मौका दे रहे हैं।

 

 

जो मिला वही लौटा रहा हूं- पंकज वर्मा

पंकज कुमार वर्मा का कहना है कि, ‘ मैं खुद एक साधारण परिवार और पिछड़े हुए इलाके का रहने वाला हूं। मेरे शिक्षक की प्रेरणा दी कि, आप सिविल सेवा में जा सकते हैं। मैं उन्हीं शिक्षकों की प्रेरणा को गुरु दक्षिणा के रूप में वापस करने की कोशिश कर रहा हूं ‘। पंकज के इन कार्यों के लिए लोग उनकी काफी सराहना कर रहे हैं। पंकज अपने इन सामाजिक कार्यों से लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके।

 

 

 

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मेरा नाम उर्वशी श्रीवास्तव है. मैं हिंद नाउ वेबसाइट पर कंटेंट राइटर के तौर पर...

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