नई दिल्ली- लद्दाख में सीमा विवाद के बीच चीन अपनी दोहरी चाल से बाज नहीं आ रहा है। एक तरफ जहां चीनी सरकार शांति का दिखावा कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ वहां की सरकारी मीडिया जंग को लेकर उकसावे वाले बयान देने से बाज नहीं आ रही। चीन की नियत पर किसी को भरोसा नहीं है। वह बात तो करता है, लेकिन पीछे से धोखा देने की सोच भी रखता है और एक बार फिर से उसने 29-30 अगस्त की रात को भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की। अब शांति वार्ता के बीच चाइनीज मीडिया ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया कि युद्ध के हालात में भारत चीन से बुरी तरह से हारेगा।
पिछले 80 दिन से ज्यादा समय से चल रहा है विवाद
ग्लोबल टाइम्स ने शनिवार को संपादकीय में कहा कि हम भारतीय पक्ष को याद दिला रहे हैं कि चीन की राष्ट्रीय ताकत, जिसमें उसकी सैन्य ताकत भी शामिल है, भारत की तुलना में अधिक मजबूत है। हालांकि, चीन और भारत दोनों महान शक्तियां हैं, मगर जब युद्धक क्षमता की बात आती है, तो भारतीय पक्ष हार जाएगा।
पिछले 80 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है जब से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव जारी है। 15 जून को गलवान घाटी में चीन की तरफ से जो हरकत हुई उसका भारत ने करारा जवाब दिया। गलवान घाटी में विवाद के बाद से दोनों देश बातचीत के माध्यम से विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन अब तो चीन भारत को गीदड़ भभकी देने पर आतुर हो गया है।
अमेरिका का समर्थन भी कुछ न कर पायेगा
चीनी अखबार ने अमेरिका की ओर से भारत के प्रति समर्थन जताए जाने पर भी गुस्से का इजहार किया। लिखा कि “नई दिल्ली के कुछ लोगों का यह भी मानना है कि अमेरिका के चीन के प्रति दमन और भारत के प्रति समर्थन ने भारत की सामरिक ताकत को बढ़ा दिया है।” चीनी अखबार ने इसे एक गलत अनुमान करार दिया है। संपादकीय में यह भी लिखा गया कि युद्ध के हालात में अमेरिका की दोस्ती भी भारत के किसी काम नहीं आ पाएगी।
ग्लोबल टाइम्स ने चीन के ख़िलाफ़ भारत के एक्शन के लिए राष्ट्रवाद को ज़िम्मेदार ठहराया। उसने कहा कि भारतीय जनमत बहुत गहराई से और व्यापक रूप से सीमा के मुद्दों में शामिल है। भारतीय सैनिकों का स्पष्ट रूप से घरेलू राष्ट्रवाद द्वारा अपहरण कर लिया गया है।