बिहार के रहने वाले बृजेश ज्योति उपाध्याय को यूपीएससी सीएसई परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए सालों तक कठोर तपस्या करनी पड़ी. फिर उन्होंने पांचवें प्रयत्न में इस परीक्षा को पास कर ही लिया. चलिए जानते हैं उनके यूपीएससी के सफर की दास्तान.
यूपीएससी परीक्षा में मनचाही रैंक प्राप्त की
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यूपीएससी परीक्षा का मतलब है हमारे धैर्य की परीक्षा है. उम्मीदवार चाहे कितनी ही महेनत कर लें फिर भी ज्यादातर यही देखने को मिलता है कि इस परीक्षा से पास होने मे एक दो नहीं मगर पूरे पांच साल से ज्यादा सालों का समय बित जाता हैं, कइ बार तो इतना वक्त बितने के बाद भी परिणाम शून्य रहता है .
इस तरह की परिस्थिति में धैर्य रखना कठिन होता है. लेकिन, बृजेश ने हिम्मत दिखाई और इस स्थिति का डट कर सामना किया और यूपीएससी परीक्षा में उन्हें मनचाही रैंक प्राप्त हुई. साल 2018 में पांचवें प्रयत्न में बृजेश ने 112वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की और आईपीएस ऑफिसर बन गए. उन्होंने दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए अपने इंटरव्यू में इस परीक्षा से सफलता पूर्वक उत्तीर्ण होने के लिए कुछ टिप्स शेयर किए हैं.
साल 2014 से शुरू किया प्रयास
बृजेश ने बताया कि उन्का यूपीएससी का सफर साल 2014 से शुरू हुआ था. इस साल उन्होंने बहुत कम तैयारी के साथ ही प्री परीक्षा देने के कारण उनका चयन होना असंभव था . अगले साल भी फिर प्री परीक्षा में ही अटक गए. मगर बृजेश यह सोचते हैं कि अगर आप शुरू में ही फेल हो जाते हो तो आपके पास तैयारी के लिए पूरे साल का समय रहता है.
इसके बाद की कोशिश सफलता मिलने पर बृजेश इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गए मगर फिर भी फाइनल लिस्ट में उनका नाम नहीं आया. क्योंकि उन्होंने ऑप्शनल पेपर को गंभीरता पूर्वक नहीं लिया था. उन्होंने अपनी इस गलती को सुधारा और साल 2018 में 112वीं रैंक के साथ पसंद हुए.
साल 2018 तक हो गए थे पांच अटेम्पट
साल 2018 में बृजेश के पांच अटेम्पट हो गए थे और उन्हें इस परीक्षा का अच्छा अनुभव हो चुका था. वे कहते हैं कि उनकी बड़ी गलति यह थी कि उन्होंने कभी भी ऑप्शनल और जीएस को महत्व नहीं दिया था. बृजेश ने आगे कहा कि अगर आपको इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करनी है तो हर एक विषय को महत्वपूर्ण मानते हुए तैयारी करें.
करेंट अफेयर्स पर रखें नजर
बृजेश ने यह भी कहा कि चाहे आप मंथली मैगजीन सब्सक्राइब करें, किसी इंस्टीट्यूट को फॉलो करें मगर करेंट अफेयर्स एक बार में तैयार होना नामुमकिन है .इस विषय के लिए रोजाना आप एक घंटे का समय निकालकर अखबार देखिये और फिर बाकी तैयारी करते रहिए.
प्रश्न में जो पूछा गया है उसी का उत्तर दें
बृजेश ने कहा कि परीक्षा की तैयारी आपने चार या पांच साल की है, इससे एग्जामिनर को कोई भी मतलब नहीं होता. आपने अपने आंसर्स में क्या लिखा है उसी के आधार पर आपको अंक मिलेंगे, इसलिए लिखने की प्रैक्टिस करें और प्रश्न में जो पूछा गया है उसी का उत्तर दें.
दूसरे विकल्पों पर भी सोचे
बृजेश दूसरे कैंडिडेट्स को सलाह देते हैं कि दो साल दिल लगाकर इस परीक्षा की तैयारी करें और देखें कि आप कहां तक सफल रहे हैं. अगर तब भी आपको सफल होना कठीन लगता है , तो फिर आपको इस माध्यम के दूसरे विकल्पों के बारे में सोचना चाहिये. सिर्फ यूपीएससी के भरोसे बैठना सही नहीं. फिर भी अगर आप को लगता है कि आप सफलता के बहुत नजदीक हैं तो मेहनत करें.
आपको सफलता जरूर मिलेगी. उन्होने यह भी कहा कि इस सफर में डिस्ट्रैक्शंस का पुरा ख्याल रखें और कुछ सालों के लिए वह चीज छोड़ दें जो आपको भटकाए.