जम्मू- केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया था और जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया। लगभग 1 वर्ष बाद अब घाटी के लगभग छह राजनीति दल सरकार के इस फैसले के खिलाफ खड़े हो गए हैं। इन राजनीतिक दलों ने एक घोषणापत्र भी निकाला। जिसकी पाकिस्तान ने जमकर तारीफ की है। जिस पर अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला का बयान आया है।
हम किसी के हाथों की कठपुतली नहीं
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि
“हम किसी के हाथों की कठपुतली नहीं हैं। पाकिस्तान ने हमेशा जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों का अपमान किया है, लेकिन अब अचानक वह हमें पसंद करने लगे हैं।”
फारुक ने कहा,
“मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हम किसी के हाथों की कठपुतली नहीं हैं, न तो नई दिल्ली के और न ही सीमा पार किसी के। हम जम्मू- कश्मीर की जनता के प्रति जवाबदेह हैं और उनके लिए काम करेंगे।”
इसके आगे फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि,
“मैं पाकिस्तान से हथियारबंद लोगों को कश्मीर भेजने से रोकने का आग्रह करुंगा। हम अपने राज्य के रक्तपात को समाप्त करना चाहते हैं। जम्मू कश्मीर के सभी राजनीतिक दल अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण ढंग से लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध हैं, इसमें वह भी शामिल हैं, जो पिछले साल पांच अगस्त को असंवैधानिक रूप से हमसे छिन लिया गया था।”
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बोली थी कड़वी भाषा
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हाल ही में एक बयान दिया था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस और तीन अन्य दलों ने जो घोषणापत्र जारी किया है वह, कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि अहम घटनाक्रम है।
आपको बता दें कि एक हफ्ते पहले जम्मू कश्मीर की छह क्षेत्रीय पार्टियों ने पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए फिर से इसकी बहाली के लिए मिलकर संघर्ष करने का ऐलान किया था और इस संबंध में एक घोषणापत्र जारी किया था।