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भारत के सामने झुका चीन, बातचीत में इन 5 पॉइंट्स पर बनी सहमती

भारत के सामने झुका चीन, बातचीत में इन 5 पॉइंट्स पर बनी सहमती

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में इन दिनों भारत और चीन के बीच तनाव भरा माहौल बना हुआ है. बॉर्डर पर हर रोज सैनिकों के बीच मुठभेड़ हो रही है. माहौल मई के वक़्त से ही ख़राब चल रहा है, लेकिन बीते 29 और 30 अगस्त की रात चीन की घुसपैठ करने की कोशिश से माहौल ज्यादा खराब हो गया है. जिस पर जल्द से जल्द काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसपर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने अपने देश में शांति का माहौल बनाने के लिए मीटिंग की. यह मीटिंग मॉस्को में थी. मीटिंग में दोनों देशों के विदेश मंत्रिओं के बीच जो कुछ भी वार्तालाप हुई उसपर विदेश मंत्रालय ने अपना बयान जारी कर दिया है.

चीन द्वारा दोबारा घुसपैठ करने की कोशिश, फिर हुए नाकामयाब

बता दें कि चीन के सैनिक पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. चीन के सैनिकों ने जब-जब घुसपैठ की कोशिश की तब-तब हमारे भारत के सैनिकों ने उनकी कोशिश विफल कर दी है.

कुछ दिन पहले भी दोनों देशों के बीच इस मामले को लेकर बैठक हुई थी, लेकिन चीन अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आने वाला। चीन ने फिर से घुसपैठ करने की कोशिश की पर इस बार भी भारतीय सैनिकों ने उनकी इस कोशिश को नाकामयाब कर दिया.

चीन ने उलटे भारत की सेना पर लगाया सीमा पार करने का आरोप

इससे पहले भी भारत और चीन के बीच हुई “गलवान” मुठभेड़ में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीन की बौखलाहट बढ़ गयी है. चीन भारत को इस हमले का दोषी ठहेरा रहा है. जबकि भारतीय सैनिकों का कहना है कि “ना तो हमने सीमा पार की और ना ही गोलियां चलाईं।” लेकिन चीन इस बात को मानने से साफ मुकर रहा है कि चीन ने बॉर्डर क्रॉस करने की कोशिश की है. चीन ने भारत की सेना पर आरोप लगाया है कि “भारतीय जवानों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पार की और फायरिंग भी की है.”

दोनों देशों के बीच हुई बातचीत पर विदेश मंत्रालय ने जारी किया अपना बयान

भारत और चीन के विदेश मंत्रिओं की हुई बातचीत पर भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा बयान जारी कर दिया गया है. जिसपर दोनों देशों के बीच सहमति बनी है….

1. दोनों देशों को सीमा से जुड़े मामलों में सभी मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल को मानना चाहिए. बॉर्डर के इलाकों में शांति रखते हुए ऐसी कार्रवाई से बचना चाहिए, जिससे माहौल बिगड़ने की स्तिथि उत्पन्न हो.
2. बॉर्डर के बिगड़े हालत को जल्द-से-जल्द सुधारने का काम करना चाहिए, जिससे दोनों देशों में शांति का माहौल बन सके और एक दूसरे पर भरोसा बढ़ सके.
3. स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव मैकेनिज्म के जरिए बातचीत होती रहेगी. वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड को-ऑर्डिनेशन की बैठकें भी जारी रहेंगी।
4. बॉर्डर के इलाकों में मौजूदा स्थिति किसी के हित में नहीं है. दोनों देशों के जवानों को बातचीत जारी रखते हुए तेजी से डिसएंगेजमेंट करना चाहिए. एक-दूसरे से तय दूरी रखते हुए तनाव कम करना चाहिए.
5. रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच पहले जो सहमति बनी थी, उससे गाइडेंस लेना चाहिए. मतभेदों की वजह से तनाव नहीं होना चाहिए.

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