किसान आंदोलन का आज 38वां दिन है। किसान आंदोलन का कारोबार पर असर अब सामने दिखने लगा है। इस आंदोलन को खत्म करने के लिए लगातार सरकार अपना प्रयत्न कर रही है पर कुछ खास असर दिखाई नहीं दे रहा। किसान उसी रफ्तार से अपनी मांग पर अड़े हुए है।किसान आंदोलन का कारोबार पर असर अब सामने दिखने लगा है। व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानि कैट ने आंदोलन की वजह से हुए नुकसान का अनुमान दिया है। कैट के मुताबिक आंदोलन की वजह से ट्रक और सामान की आवा जाही पर बुरा असर पड़ा है। इसके अलावा आंदोलन से बाजार को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
कारोबार पर बुरा प्रभाव
व्यापारियों के संगठन कैट द्वारा कहा गया है कि इस आंदोलन से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में अब तक लगभग 14 हजार करोड़ रुपए के व्यापार का नुकसान हुआ है। कैट ने इस मामले को लेकर किसान नेताओं एवं केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि, बातचीत के द्वारा इस मसले को तुरंत सुलझाया जाए। इसके अलावा अगर आंकड़ो की बात की जाए तो पिछले डेढ़ महीने में लगभग 50 फीसद कारोबार पर असर पड़ा है।
आपको बता दें कि जांच में दिल्ली- हरियाणा बोर्डर पर कई कंपनियों का जायजा लिया, यहां कच्चे माल की सप्लाई कम होने से मैन्युफैक्चरिंग पर असर पड़ा है। किसान आंदोलन से ना सिर्फ सरकार बल्कि कंपनियां और बड़ी इंडस्ट्री भी परेशान है। एक महीने में लगभग 50 फीसद कारोबार घट गया है।
सप्लाई कम और ऑर्डर ज्यादा
आपको बता दें कि आंदोलन के कारण सप्लाई की खपत ऑर्डर से बहुत कम हो रही है, जिसके कारण माल डिलीवरी में काफी दिक्कतें उत्पन्न हो रही है। आंकड़ो के अनुसार ट्रांसपोर्टर हर खेप पर 3000-3500 रु ज़्यादा ले रहे ना सिर्फ कंपनियों में मेन्युफैक्चरिंग की परेशानी है बल्कि अपनी कंपनियों तक काम करने के लिए मजदूर भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसके अलावा कहीं कच्चे माल की कमी है तो कहीं मजदूरों की कमी की वजह से कच्चा माल सड़ रहा है।
1600 मोबाइल टावरों को बनाया निशाना
आंदोलन का बुरा प्रभाव केवल कारोबार में ही नहीं बल्कि मोबाइल टावर्स पर भी पड़ रहा है।किसान आंदोलन के दौरान पंजाब में मोबाइल टावर पर भी हमले हुए लगभग 1600 टावर पर निशाना बनाया गया।बहुत से स्थानों पर बिजली और ऑप्टिकल वायर को काटने की भी खबर सामने आई थी।