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राजस्थान को बनाया मिनी इजरायल, 1 करोड़ रुपये की है सालाना कमाई

राजस्थान को बनाया मिनी इजरायल, 1 करोड़ रुपये की है सालाना कमाई

आजकल गांव के किसान हर तरह से बाकी लोगों से कदम से कदम मिलाकर चल रहे है और ऐसे में वो नई टेक्निक का भरपूर फायदा उठा रहे हैं. वैसे आपको बता दें कि खेती किसानी के मामले में इजरायल को दुनिया का सबसे हाईटेक देश माना जाता है. वहां रेगिस्तान में ओस से सिंचाई होती है, दीवारों पर गेहूं, धान उगाए जाते हैं, भारत के लाखों लोगों के लिए ये एक सपना ही है. इजरायल की तर्ज पर राजस्थान के एक किसान ने खेती शुरू की और आज उनका सालाना टर्नओवर सुन कर आप उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाएंगे.

किसान खेमाराम चौधरी ने किया ज्ञान और तकनीक का ऐसा संगम

दिल्ली से करीब 300 किलोमीटर दूर राजस्थान के जयपुर जिले में एक गांव है गुड़ा कुमावतान. ये किसान खेमाराम चौधरी का गांव है. खेमाराम ने तकनीकी और अपने ज्ञान का ऐसा तालमेल भिड़ाया कि वो लाखों किसानों के लिए उदाहरण बन गए हैं. आज उनका मुनाफा लाखों रुपए में है.

खेमाराम चौधरी ने इजरायल के तर्ज पर चार साल पहले संरक्षित खेती करने की शुरुआत की थी. आज इनके देखा देखी आसपास लगभग 200 पॉली हाउस बन गए हैं, लोग अब इस क्षेत्र को मिनी इजरायल के नाम से जानते हैं. खेमाराम अपनी खेती से सलाना एक करोड़ का टर्नओवर ले रहे हैं.

सरकार ने दिया सुनहरा मौका

किसान खेमाराम चौधरी को सरकार की तरफ से इजरायल जाने का मौका मिला. इजरायल से वापसी के बाद इनके पास कोई जमा पूंजी नहीं थी, लेकिन वहां की कृषि की तकनीक को देखकर इन्होंने ठान लिया कि उन तकनीकों को अपने खेत में भी लागू करेंगे. खेमाराम चौधरी ने बताया कि,

“एक पॉली हाउस लगाने में 33 लाख का खर्चा आया, जिसमे नौ लाख मुझे देना पड़ा जो मैंने बैंक से लोन लिया था, बाकी सब्सिडी मिल गयी थी. पहली बार खीरा बोए करीब डेढ़ लाख रूपए इसमे खर्च हुए. चार महीने में ही 12 लाख रुपए का खीरा बेचा, ये खेती को लेकर मेरा पहला अनुभव था.”

वो आगे बताते हैं, कि

“इतनी जल्दी मै बैंक का कर्ज चुका पाऊंगा ऐसा मैंने सोचा नहीं था पर जैसे ही चार महीने में ही अच्छा मुनाफा मिला, मैंने तुरंत बैंक का कर्जा अदा कर दिया. चार हजार वर्ग मीटर से शुरुआत की थी आज तीस हजार वर्ग मीटर में पॉली हाउस लगाया है.”

मिनी इजरायल के नाम से हुआ फेमस

आज इस किसान के पास खुद के सात पॉली हाउस हैं, दो तालाब हैं, चार हजार वर्ग मीटर में फैन पैड है, 40 किलोवाट का सोलर पैनल है. इनके देखादेखी आज आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे में लगभग 200 पॉली हाउस बन गये हैं. इस जिले के किसान संरक्षित खेती करके अब अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. पॉली हाउस लगे इस पूरे क्षेत्र को लोग अब मिनी इजरायल के नाम से जानते हैं. खेमाराम का कहना है, “अगर किसान को कृषि के नये तौर तरीके पता हों और किसान मेहनत कर ले जाए तो उसकी आय 2019 में दोगुनी नहीं बल्कि दस गुनी बढ़ जाएगी.”

मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...

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