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देश के उच्च सदन राज्यसभा में नियमों की उड़ाई गई धज्जियां, शर्मनाक हंगामा और तोड़फोड़ की गई

देश के उच्च सदन राज्यसभा में नियमों की उड़ाई गई धज्जियां, शर्मनाक हंगामा और तोड़फोड़ की गई

भारत के उच्च सदन राज्यसभा में आजकल जिस तरह से ऐसे शोर-शराबे, लड़ाई झगड़े का माहौल देखने को मिल रहा है, इससे तो यही लगता है राज्यसभा और छोटे-मोटे बस स्टैंड और स्कूल कॉलेज में अब कोई फ़र्क नहीं रखा गया है, जहां पर आए दिन मार- तोड़, धक्का-मुक्की होना आम बात है.

जी हां, राजसभा में रविवार के दिन ऐतिहासिक कृषि सुधारों के लिए लक्ष्य को लेकर चर्चा के दौरान भारत के उच्च सदन में 2 विधायकों द्वारा एक शर्मसार कर देने वाला दृश्य देखने को मिला.

इस शर्मनाक हंगामे और तोड़फोड़ को देख कर सरकार को दोनों विधायकों को राज्यसभा से ध्वनिमत पारित करना पड़ा. हम आपको बता दें कि, यह बहस विपक्षी दल के विरोध करने पर शुरू हुई.

 

विपक्ष के सदस्यों ने सेवा करार विधेयक, कृषक कीमत आश्वासन, उपज वाणिज्य व्यापार और संवर्धन विधेयक को समिति में भेजने के लिए प्रस्ताव पर वोटिंग की मांग कर रहे थे. यह प्रस्ताव कांग्रेस विधायक वेणुगोपाल, डेरेक ओ ब्रायनतृणमूल, माकपा के रागेश तथा द्रमुक के त्रिची शिवा द्वारा चार अलग-अलग तरह के प्रस्ताव रखे गए थे.

राज्यसभा में विधायकों के द्वारा रखे जाने वाले पटल पर विपक्षियों ने हमला बोल दिया जिसके बाद उपसभापति ने विधेयकों को पारित करने के लिए कड़ी कार्यवाही करने का फैसला बढ़ा दिया.

इन सबके चलते राज्यसभा में विधेयक लगातार नियमों के खिलाफ होकर जबरदस्ती विधेयक पारित करने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद खूब हंगामा हुआ और माइक की तोड़फोड़, कागजों पन्नों का फाड़ना शुरू हो गया.

विस्तार में मामला

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की बातचीत के दौरान उपसभापति हरिवंश ने कार्यवाही तय का समय आगे बढ़ाने का फैसला किया जिसके बाद विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद कहा कि सबकी सहमति से फैसला लिया जाना चाहिए. इस पर उन्होंने विधेयकों को पारित करने की प्रक्रिया के लिए सोमवार तक की मांग रखी. उपसभापति ने बात को अनदेखा कर बिल पारित करने का फैसला ले लिया.

विपक्ष के सदस्यों ने भी विधायकों को प्रवर समिति में भेजने के लिए वोटिंग शुरू कर दी, जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने गुस्से में आकर रूलबुक फाड़ दी. इसके बाद उन्होंने तोड़फोड़ शुरू कर दी माइक को भी पलट दिया.

आम आदमी पार्टी के अलावा कई और सदस्य भी बिल पारित करने के लिए उपसभापति पर आरोप लगाने लगे. इस तरह यह हंगामा काफी आगे बढ़ गया. इस तरह की परिस्थिति देख कर 15 मिनट के लिए सभी माइक बंद कर दिए गए.

उपसभापति हरिवंश ने ध्वनि मत से परित कर दिया. फिर भी आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने नारेबाजी शुरू कर दी, सदन स्थगित हो जाने पर राज्यसभा चेंबर में काफी देर तक धरना प्रदर्शन भी हुआ जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 1 घंटे तक रोक दी गई. कोरोना वायरस के दौर में नियमों का पालन न करते हुए धक्का-मुक्की की गई इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही की धज्जियां उड़ा दी गई.

राज्यसभा में मौजूद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बारे में बात कर संक्षिप्त जवाब देते हुए कहा कि, ”किसानों का भला खेती के एकांगी नजरिए से नहीं हो सकता है , इस समय कानून पर कुछ खास फर्क नहीं आएगा, सभी किसानों को एमएसपी आगे भी मिलता रहेगा.

विरोध को विपक्षी बताते हुए, नरेंद्र तोमर ने इसे राजनीतिक करार दे दिया और कहा कि, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए 6 साल के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी के साथ उनकी आय दोगुनी करने के लिए कई अहम कदम भी उठाए हैं”. नरेंद्र तोमर के जवाब देने के बाद कार्यवाही शुरू कर फैसला लिया गया.

 

दो विधेयक पारित किए गए

कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य सुविधा

इस विधेयक के जरिए एक देश और एक बाजार की अवधारणा लागू की जाएगी किसान अपना उत्पाद व्यापारिक प्लेटफार्म या खेती के लिए कहीं भी कर सकेंगे. इससे किसान अपनी उपज कहीं भी बेचने की इजाजत ले सकेंगे.

मूल आश्वासन और कृषि सेवा (बंदोबस्ती और सुरक्षा)

इससे किसान अपनी फसल तय की गई कीमत के अनुसार बेच सकेंगे. बुवाई से पहले मानकों को भी तय किया जाएगा. इस फैसले से किसान को नुकसान नहीं होगा, खरीददार ढूंढने के लिए आसानी रहेगी.

इन विधेयक के पारित हो जाने के बाद इनको लोकसभा और राज्यसभा में भी मंजूरी मिल गई है, अब जब भारत के राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी ली जाएगी तभी इसे कानूनी तौर पर माना जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन एक के बाद एक कई ट्वीट किए. ट्वीट के दौरान उन्होंने किसानों के बारे में बात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहां हमारे किसान भाई बिचौलियों की वजह से कई दशकों से कड़े बंधन में जकड़े हुए थे, उनको कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था, संसद में विधेयक पारित हो जाने के बाद अन्न दाताओं को इन सब से आजादी मिली, इसके बाद सभी किसानों की समृद्धि सुनिश्चित की जाएगी और आय में भी वृद्धि.

सभी मेहनती किसानों को आधुनिक तकनीकी से सहायता दी जाएगी. इस फैसले के बाद से किसानों के भविष्य में टेक्नोलॉजी का प्रसार होगा और बेहतर परिणाम सामने आएंगे”.

ऐतिहासिक विधेयक के पारित होने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, कि

”भारत के कृषि इतिहास में आज बहुत ही बड़ा दिन है, मैं सभी अन्य दाताओं को बधाई देना चाहता हूं, जिनके परिश्रम से यह अहम विधेयक पारित हुआ. इस प्रयास से कृषि क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन आएगा और हमारे देश के करोड़ों किसान भी सशक्त हो पाएंगे”.

 

 

 

 

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