एक तरफ जहां देश में कोरोनावायरस का प्रकोप है, जिससे लोग बचने के लिए घरों में ही दुबके हुए हैं, जब सरकार धीरे-धीरे लॉकडाउन में ढ़ील दे रही है, उसके बावजूद लोगों घर से जरूरत न होने पर घर है। तो ऐसे में भी कुछ लोग अपने हौसले के दम पर अलग-अलग तरीके से लोगों की मदद कर रहे हैं। ये खबर आज उस लड़की से जुड़ी हुई है, जो लोगों की मदद के लिए अपनी परिस्थितियों को ताक पर रखकर काम कर रही है।
पीएम ने किया था ऐलान
कोरोनावायरस के लिए आज के वक्त में सोशल डेस्टेंसिंग से बड़ा कोई उपाय नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी ये बात कह चुके हैं, कि लोगों को मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए ही इस अदृश्य दुश्मन कोरोनावायरस से जंग लड़नी है। पीएम के इस ऐलान के बाद देश में मास्क और दस्ताने बनाने की मुहिम छिड़ी है लोग घरों में ही मास्क बना ले रहे हैं।
एक हाथ से सिले मास्क
मास्क बनाने की इस मुहिम के बीच नया और ताजा मामला कर्नाटक का जहां एक बच्ची का एक हाथ काम का नहीं है, वो एक हाथ से ही काम कर सकती है। लेकिन कोरोनावायरस से लड़ने की जज्बे की असल यहां शुरू होती है, क्योंकि इस बच्ची ने सिलकर न केवल अपने लिए मास्क बनाए बल्कि औरों के लिए भी उन्हें सिला ओर उपहार स्वरूप दिया, इस बच्ची के इस हौंसले की खूब सराहना की जा रही है।
10 वर्षीय दिव्यांग का जज्बा
खबरों के मुताबिक 10 वर्षीय सिंधुरी उडुपी की रहने वाली एक दिव्यांग बच्ची है। वो एक हाथ से ही काम करने में सक्षम है, ऐसे में उसने कोरोनावायरस से लड़ने के लिए एक हाथ से ही मास्क बनाए और बांटे इन मास्क का इस्तेमाल एसएसएलसी की परीक्षा देने आए छात्रों ने किया जिन्हें ये मास्क बांटे गए थे।
बड़ा है सिंधुरी का लक्ष्य
आपको बता दें कि दिव्यांग सिंधुरी का एक हाथ जन्म से ही पूरा नहीं है, जिसके कारण वो सारे काम एक हाथ से ही करती हैं। सिंधुरी छठवीं कक्षा की छात्रा हैं और उनका लक्ष्य कोरोनावायरस की इस जंग में एक लाख से ज्यादा मास्क बनाने का है, छोटी सी उम्र में दिक्कतों के बावजूद ये जज्बा न केवल काबिले-तारीफ है लेकिन एक प्रेरणा भी है।
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