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12 साल का उमंग बना असली हीरो, ब्रेन डेड होने के बाद भी अंगदान कर बचाई दो जान

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Umang Galada : एक दिल छू लेने वाली खबर आई है। जहां एक 12 साल के मासूम ने मौत को गले लगाकर दूसरे को नई जिंदगी दी। इस 12 साल के बच्चे के परिवार ने उसके अंग दान कर दिए। वह एक साल से किडनी ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहा था लेकिन मंगलवार 20 मई को दिल का दौरा पड़ने के बाद उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। यह कहानी है कोलकाता के उमंग (Umang Galada) की।

12 वर्षीय उमंग ने कर दिए अपने अंग दान

कोलकाता के एक मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट से उमंग (Umang Galada) का मामला सामने आया है। 12 वर्षीय उमंग के साथ ऐसा खेल खेला कि सालों तक किडनी ट्रांसप्लांट का इंतजार करते-करते उसकी मौत हो गई।

लेकिन बच्चे के परिवार ने जो फैसला लिया उसे जानने के बाद सोशल मीडिया पर लोग इस परिवार को दिल से सलाम कर रहे हैं। जहां ट्रांसप्लांट के इंतजार में परिवार ने खुद अपने बच्चे को खो दिया। वहीं अब यह परिवार दूसरे लोगों की जिंदगी रोशन करने की कोशिशों में जुट गया है।

उमंग के लिए करते रहे किडनी की तलाश

उमंग (Umang Galada) की मां ज्योति गलाडा ने बताया कि परिवार को पिछले साल पता चला कि वह क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) से पीड़ित है। ब्लड टेस्ट से पुष्टि हुई कि उमंग सीकेडी के स्टेज 5 पर था। इसके बाद उसे मुकुंदपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डायलिसिस प्रक्रिया शुरू की गई।

बच्चे के लिए उपयुक्त किडनी की तलाश की गई। सबसे पहले उसके पिता उज्ज्वल गलाडा ने किडनी दान करने का फैसला किया। पिता और बेटे का ब्लड ग्रुप एक ही (बी पॉजिटिव) होने के बावजूद कुछ चिकित्सकीय कारणों से किडनी ट्रांसप्लांट संभव नहीं हो पाया।

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद हार्ट अटैक से हुई उमंग की मौत’

उमंग (Umang Galada) के माता-पिता ने एक ही ब्लड ग्रुप वाले डोनर को खोजने की हर संभव कोशिश की। हालांकि, उपयुक्त डोनर नहीं मिल सका। इसके बाद उमंग की मां ने किडनी दान करने का फैसला किया। उसका ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव था। इसलिए असंगत किडनी ट्रांसप्लांट प्रक्रिया अपनाई गई। तमाम मुश्किलों और चिकित्सकीय जटिलताओं के बावजूद 15 मई को उमंग का किडनी ट्रांसप्लांट किया गया।

हालांकि ऑपरेशन के पांच दिन बाद 20 मई को कार्डियक अरेस्ट के कारण उमंग (Umang Galada) की मौत हो गई। इसके बाद उसके माता-पिता ने उसके अंग दान करने का कठिन लेकिन सराहनीय फैसला लिया। उसके माता-पिता ने उसकी आँखे और लीवर को दान देने का फैसला किया। जो दो लोगों की जिन्दगी बचा पाएगा और उन्हें नया जीवन देगा।

सोशल मीडिया पर यूजर्स कर रहे तारीफ़

सोशल मीडिया पर जैसे ही लोगों को उमंग (Umang Galada) की जानकारी मिली, इसकी लाखों बार सराहना हुई। यूजर्स ने बच्चे और उसके परिवार की तारीफ की। एक यूजर ने लिखा, ‘कितना बड़ा दिल रहा होगा उस मां का जिसने अपने बेटे के अंग दान कर दिए।’

दूसरे यूजर ने लिखा, ‘वह इंसान नहीं था बल्कि फरिश्तों के घर में पैदा हुआ था।’ वहीं एक और यूजर ने लिखा, ‘वह चला गया, उसने दूसरों को ज्ञान दिया है।’

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