Indian Army soldiers : पहलगाम हमले में मारे गए 26 मासूम पर्यटकों का बदला लेने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे आसार है। लेकिन दुश्मन मुल्क के आतंकवादियों की वजह से हमने अपने कई जवान खोए हैं। आज हम इस आर्टिकल के जरिये ऐसे ही चार जवानों (Indian Army soldiers) के बारे में बताने जा रहे हैं जो देश के लिए लड़ते-लड़ते शहीद हो गए और अपने पीछे रोता-बिलखता हुआ अपना पूरा परिवार छोड़ गए।
1.करण सिंह यादव
कानपुर के निवासी करण सिंह यादव राजौरी में हुए हमले में शहीद (Indian Army soldiers) हुए थे। वह आखिरी बार अपने परिवार से मिले घर गए थे। इसके बाद फरवरी में उन्होंने अपने पिता से आने को कहा, लेकिन उनके आने से पहले ही उनकी शहादत की खबर घर पहुंच गई। उनकी मौत की खबर घर पहुंचते ही पूरे गांव में मातम छा गया।
गांव वालों के मुताबिक करण सिंह जब भी छुट्टी पर गांव आते थे तो गांव वालों को खूब प्यार और सम्मान देते थे। करण सिंह के घर में माता-पिता के अलावा एक भाई और दो बहनें हैं। उनकी शादी हो चुकी थी। करण की दो नाबालिग बेटियां हैं।
2.गौतम कुमार
उत्तराखंड के कोटद्वार के रहने वाले जवान गौतम कुमार भी शहीदों (Indian Army soldiers) में शामिल हैं। 28 वर्षीय गौतम कोटद्वार के शिवपुर आमपद्वार के रहने वाले थे। वह 16 दिसंबर को छुट्टी से ड्यूटी पर लौटे थे।
अगले साल 11 मार्च 2024 को उनकी शादी होनी थी। गौतम के बड़े भाई राहुल कुमार ने बताया कि 21 दिसंबर की रात 12 बजे उनके भाई की यूनिट से फोन आया कि वह शहीद हो गए हैं। घर में कोहराम मच गया।
3.चंदन कुमार
नवादा के वारिसलीगंज ब्लॉक के नारोमुरार गांव के राइफलमैन चंदन कुमार भी आतंकी हमले में शहीद (Indian Army soldiers) हुए। परिजनों को फोन पर घटना की जानकारी दी गई। सूचना मिलने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके घर में माता-पिता के अलावा तीन भाई हैं। एक बड़ा और एक छोटा है।
चंदन अपने परिवार का मझला भाई था। चंदन के बड़े भाई का नाम जीवन कुमार है, वह पूरे घर की देखभाल करता है। छोटा भाई अभिनंदन गांव में ही राशन की दुकान चलाता है। चंदन 2017 में सेना में भर्ती हुआ था, उसकी शादी 18 महीने पहले बिहार के लखीसराय में हुई थी।
4.रवि कुमार
मुठभेड़ में राइफलमैन रवि कुमार राणा भी शहीद (Indian Army soldiers) हो गए थे। जिनका अंतिम संस्कार जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ किया गया। 26 वर्षीय रवि 7 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। उनकी जल्द ही शादी भी होने वाली थी।
उनके बड़े भाई भी सेना में कार्यरत हैं और फिलहाल पंजाब में तैनात हैं। अंतिम संस्कार से पहले सेना, पुलिस और नागरिक प्रशासन के आला अधिकारियों ने राइफलमैन रवि कुमार के पार्थिव शरीर (Indian Army soldiers) पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अंतिम विदाई दी।