Sarla Ahuja : शाही एक्सपोर्ट्स भारत की सबसे बड़ी फिल्म निर्माता कंपनी है. जिसकी शुरुआत 1970 के दशक हुई थी. जिसके संस्थापक सरला आहूजा (Sarla Ahuja) हैं. ये वो महिला है जिन्होंने अपने घर से ही इस कंपनी कि शुरुआत कि थी. अपने ही घर में एक सिलाई मशीन की मदद से उन्होंने पूरे साम्राज्य कि स्थापना कि थी. आज शाही एक्सपोर्ट्स के करीब 115,000 कर्मचारी हैं और इस साल भारत भर में 51 बिल्डरों से 8,244 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है. इसके ग्राहक वॉलमार्ट, गैप, एचएंडएम जैसे अन्य बड़े ब्रांड शामिल हैं. स्टोर में वर्तमान में MoQ 10,000 प्रति ऑर्डर है.
एक सिलाई मशीन से बनाई करोड़ो का कंपनी
सरला आहूजा (Sarla Ahuja) अब 86 साल की हो गई हैं और ठीक हैं कि वे दो साल पहले ही नौकरी के कारण अपने पद से सेवानिवृत्त हो गईं. लेकिन वे कंपनी के विस्तार, विकास और नई पहलों से अपडेट हैं. उनके साथ उनके पोते अनंत आहूजा भी हैं, जो शाही में इंस्टीट्यूट डेवलपमेंट के प्रमुख हैं जो उनकी मदद करते हैं और महिलाओं को मजबूत कार्यबल बनाने और स्थाई भविष्य की दिशा में काम करने के शाही की परिभाषा की झलकियाँ प्रस्तुत करते हैं.
86 साल की सरला आहुजा की कहानी है प्रेरणादायक
सरला (Sarla Ahuja) के लिए ये काम करना बहुत मुश्किल था. उनकी महज 16 साल की उम्र में शादी हो गई थी. इसके साथ ही सरला ने 22 साल की उम्र में फैक्ट्री में मशीन इंजीनियर के तौर पर काम करके अपने परिवार के आर्थिक सहयोग में योगदान देने का फैसला किया. एक साल बाद उसकी नौकरी छूट गई क्योंकि उसे काम और घर दोनों को संभालना मुश्किल लग रहा था.
अपनी रुचि पैदा की और इस दिशा में अपने इतिहास रचने की शुरुआत का मन बनाया. 16 साल की उम्र में ही शादी हो जाने के बाद सरला (Sarla Ahuja) ने एक कारखाने में सिलाई मशीन ऑर्गेनाइजर का काम शुरू किया. कुछ समय बाद जब घर और काम दोनों को संभालना मुश्किल हो गया तो उन्होंने अपने घर से ही शाही एक्सपोर्ट्स की शुरुआत की.
16 साल में शादी हुई फिर खुद का काम करने कि ठानी
शाही एक्सपोर्ट्स की स्थापना 1974 में, सरला आहूजा ने की थी. शुरुआत में यह एक छोटे स्तर की गारमेंट्स निर्माण और उत्पाद बनाने वाली कंपनी थी. उनके काम और मेहनत से कंपनी को तेजी से बढ़ने में मदद मिली. कंपनी की वृद्धि शाही एक्सपोर्ट्स ने अपने शुरुआती दिनों से ही हाईप्रोफाइल और इनोवेशन पर ध्यान केंद्रित किया है. इस कारण कंपनी ने जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान बना ली. वर्तमान में शाही एक्सपोर्ट्स भारत की सबसे बड़ी गारमेंट कंपनी में से एक है, जिसके पास हजारों कर्मचारी और उत्पादन इकाइयाँ हैं.
1974 में बनाई थी शाही एक्सपोर्ट्स कंपनी
काम के शुरुआत में पड़ोसियों की शिकायत थी कि उनके घर में काम करने वाले लोग आते-जाते हैं. लेकिन, अपने परिवार के सहयोग से सरला ने कड़ी मेहनत की खातिर एक सपना पूरा किया. 5,000 रुपए के साथ उन्होंने 1974 में दिल्ली के रंजीत नगर में शाही के प्रोडक्शन यूनिट की स्थापना की थी. क्षमता प्रतिदिन लगभग 200 पीस की थी, और नेटवर्क के माध्यम से अमेरिका और यूरोप से सीधे जुड़ गए थे. सरला (Sarla Ahuja) को केवल कड़ी मेहनत करना याद है कभी-कभी तो मूल लक्ष्य पूरा करने के लिए आधी रात तक काम करना था.
लाखों महिलाओं को रोजगार दे रही शाही एक्सपोर्ट्स
सरला (Sarla Ahuja) का कहना है, ‘मेरा काम अकेले ही काफी बढ़ गया था. सब कुछ संभाल लिया. मुझे लगता है कि उस समय बस भगवान को ही पता था कि क्या योजना थी.’ अगली पीढ़ी ने जब उनके दोनों बेटे ऋषि और सुनील बड़े हो गए तो उन्होंने उनकी मदद के लिए स्कूल और कॉलेज जाना शुरू कर दिया. शाही एक्सपोर्ट्स में शुरू से ही महिलाओं की संख्या ज्यादा रही है. सरला (Sarla Ahuja) ने जो कर दिखाया है वो किसी के लिए सपने से कम नहीं है. आज वह करोड़ों कि कंपनी चला रही हैं और एक सफल बिजनेसवीमेन हैं.
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