Gandhi Ji : भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 1931 में बनाई गई एक पेंटिंग की नीलामी बोनहम्स में हुई है। नीलामी घर और इस पेंटिंग को बनाने वाली ब्रिटिश-अमेरिकी कलाकार क्लेयर लीटन के परिवार के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि यह एकमात्र ऑइल पेंटिंग है जिसमें गांधीजी (Gandhi Ji) बैठे हुए थे। चित्रकार ने उन्हें सामने बैठाकर यह खूबसूरत ऑइल पेंटिंग बनाई थी।
1.7 करोड़ में बिकी Gandhi Ji की पेंटिंग
महात्मा गांधी जी (Gandhi Ji) की बिकी इस पेंटिंग को 1.7 करोड़ में खरीदा गया है। नीलामी में आई इस पेंटिंग का मूल्य £50,000 से £70,000 ($68,000 और $95,000) के बीच आंकी जा रही थी। यह पेंटिंग नवंबर 1931 में लंदन में प्रदर्शित की गई थी।
इस पेंटिंग का एकमात्र सार्वजनिक प्रदर्शन 1978 में बोस्टन पब्लिक लाइब्रेरी में क्लेयर लीटन की कृतियों की एक प्रदर्शनी में हुआ था।
पहली पेंटिंग जिसमें गांधीजी ने खुद दिया पोज
इस पेंटिंग में गांधी जी (Gandhi Ji) बैठे हुए नजर आए है। शायद ही यह पहली पेंटिंग है जिसमें गांधी बैठे नजर आ रहे है। इतना ही नहीं यह फोटो उन्होंने खुद बैठकर ही बनवाया था। वह खुद पेंटर लीटन के सामने बैठे थे और जब तक ये फोटो पूरा नहीं हुआ था तब तक वह ऐसे ही पोज में रहे थे। इसलिए भी यह फोटो काफी ख़ास हो जाता है। इस पेंटिंग को करीब 94 सालों से सम्भाला हुआ है।
1931 में बनी इस पेंटिंग की है दिलचस्प कहानी
A rare 1931 oil portrait of Mahatma Gandhi by British artist Clare Leighton is anticipated to garner up to £70,000. According to Bonhams, the auction house, this artwork is believed to be the sole oil portrait Gandhi ever personally posed for. pic.twitter.com/mQym8F8zsq
— GemsOfINDOLOGY (@GemsOfINDOLOGY) July 2, 2025
इस पेंटिंग को बनाने वाले क्लेयर लीटन की मुलाकात गांधी जी (Gandhi Ji) से 1931 में हुई थी। जब महात्मा गांधी दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने लंदन गए थे। दरअसल इस पेंटिंग को बनाने वाली कलाकार क्लेयर लीटन उस समय प्रसिद्ध राजनीतिक पत्रकार हेनरी नोएल के साथ रिश्ते में थी। जो उस समय भारत के राजनीतिक भविष्य पर ब्रिटिश सरकार के साथ चर्चा के लिए लंदन में थे। गौरतलब है कि क्लेयर लंदन के वामपंथी कलात्मक समूहों का हिस्सा थी।
1974 में पेंटिंग पर हुआ था हमला
लीटन के परिवार के अनुसार यह तस्वीर 1974 में सार्वजनिक प्रदर्शनी के लिए रखी गई थी। हालाँकि उस समय एक कार्यकर्ता ने इस पर हमला किया था। बाद में इस पेंटिंग में सुधार किया गया। ऐसे में लीटन के परिवार को उम्मीद नहीं थी कि गांधी जी (Gandhi Ji) की पेंटिंग इतनी महंगी बिकेगी।
यह भी पढ़ें : महात्मा गांधी के उसूलों को नहीं मानती उनकी परपोती, जीती है ग्लैमरस लाइफ, बोल्ड तस्वीरें देख आपका भी मचल उठेगा मन