Viral News : 16 महीने के बच्चे खेलते है या माता-पिता के सबसे दुलारे रहते है। लेकिन एक 16 महीना का बच्चा है जिसने कुछ ऐसा कर दिया है जो दुनिया में मिसाल (Viral News) बन गया है। भुवनेश्वर का 16 महीने का शिशु ओडिशा में सबसे कम उम्र का अंगदाता बन गया है।
शिशु ने अपना लीवर और किडनी दान कर दो मरीजों को नई जिंदगी दी है। जन्मेश ने सांस लेते समय कोई बाहरी वस्तु अंदर ले ली थी जिससे उसकी सांस की नली में रुकावट आ गई और उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी।
16 महीने के बच्चे ने दी दो मरीजों को जिंदगी
1 मार्च को इस शिशु को ‘ब्रेन डेड’ घोषित कर दिया गया था। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भुवनेश्वर के एक अधिकारी ने बताया कि बच्चा ब्रेन डेड हो गया था। उन्होंने (Viral News) बताया कि जन्मेश लेंका की उम्र 16 महीने थी। उसके माता-पिता ने एक साहसी फैसला लिया जिसने उनकी निजी त्रासदी को दूसरों के लिए उम्मीद की किरण में बदल दिया।
एम्स-भुवनेश्वर के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि शहर का 16 महीने का बच्चा ओडिशा में सबसे कम उम्र का अंगदाता बन गया है। जिसने दो मरीजों को नई जिंदगी दी है।
16 महीने के जन्मेश को घोषित किया ब्रेन डेड
लेंका के माता-पिता ने एक साहसी निर्णय लिया। जिसने उनकी व्यक्तिगत त्रासदी को दूसरों के लिए आशा की किरण में बदल दिया। जनमेश को 12 फरवरी को एम्स भुवनेश्वर (Viral News) के शिशु रोग विभाग में भर्ती कराया गया था। जब उसने एक वस्तु को अंदर ले लिया।
जिससे उसकी श्वास नली अवरुद्ध हो गई और उसे सांस लेने में कठिनाई होने लगी। अधिकारी ने कहा कि तत्काल कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और गहन देखभाल टीम द्वारा अगले दो सप्ताह तक उसे स्थिर रखने के अथक प्रयासों के बावजूद 1 मार्च को बच्चे को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
जन्मेश की किडनी और लीवर आए काम
@AIIMSBhubaneswr performed a successful multiorgan transplant from Odisha’s youngest organ donor, 16-month-old Master Janmesh Lenka.
His liver was transplanted to a child at ILBS, New Delhi, and his kidneys en-bloc to a patient at AIIMS Bhubaneswar.@MoHFW_INDIA@HFWOdishapic.twitter.com/nl2PP5Ofgb
— AIIMS Bhubaneswar (@AIIMSBhubaneswr) March 3, 2025
इसके बाद एम्स की मेडिकल टीम ने शोक संतप्त माता-पिता को अंग दान के बारे में परामर्श दिया। उन्होंने कहा कि वह सहमत हो गए और अपने बच्चे के अंगों (Viral News) को जीवन रक्षक प्रत्यारोपण के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी। डॉ. ब्रह्मदत्त पटनायक के नेतृत्व वाली गैस्ट्रो सर्जरी टीम द्वारा लीवर को सफलतापूर्वक निकाला गया।
दिल्ली (Viral News) में एक बच्चे में प्रत्यारोपित किया गया। इसके अलावा मास्टर जनमेश की दोनों किडनियाँ एम्स भुवनेश्वर में एक किशोर रोगी में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित की गईं।
जन्मेश के माता-पिता ने पेश की मिसाल
इस प्रक्रिया का नेतृत्व डॉ. प्रशांत नायक ने किया। माता-पिता ने मानवता और सहनशीलता की मिसाल पेश की एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. आशुतोष बिस्वास (Viral News) ने अंगदान और प्रत्यारोपण प्रक्रिया में शामिल सभी डॉक्टरों और समन्वयकों की सराहना की। यह निर्णय जनमेश के माता-पिता की मानवता और सहनशीलता की मिसाल पेश करता है। जिन्होंने दूसरों की मदद करने के लिए अपनी व्यक्तिगत त्रासदी पर काबू पा लिया।