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तेलंगाना का वो स्कूल, जिसमें पढ़ती है सिर्फ 1 छात्रा….कक्षा में हाजिरी देती हैं हर दिन टीचर 

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Telangana : विद्यालय वह जगह होती है जहां पर बच्चे अपना भविष्य सुधारने और शिक्षा ग्रहण करने आते है। लेकिन विद्यालय में एक-दो बच्चे नहीं कई सैकड़ों बच्चे पढ़ते है। लेकिन क्या ऐसा मुमकिन हो सकता है कि एक बच्चे के लिए विद्यालय खोला जाए। लेकिन ऐसा हुआ है जहां पर एक बच्चे के लिए ही विद्यालय खुला हुआ है। यह तेलंगाना (Telangana) में है।

तेलंगाना का ऐसा स्कूल जहां पर एक छात्रा और शिक्षिका

हम बात कर रहे है तेलंगाना (Telangana) के खम्मम जिले में नरपनेन्निपल्ले नाम के एक छोटे से गांव में एक सरकारी स्कूल की। यह स्कूल इसलिए अनोखा है क्योंकि यहां सिर्फ़ एक छात्र और एक शिक्षक है और वह छात्रा 9 साल की कीर्तना है जो यहां अकेली पढ़ने आती है और उसकी एकमात्र शिक्षिका उमा पार्वती उसे हर दिन पढ़ाने आती हैं।

चौथी क्लास में पढ़ने वाली कीर्तना भले ही यहां अकेली छात्रा है, लेकिन उमा इसका असर अपनी पढ़ाई पर नहीं पड़ने देती। वह कहती हैं, “बच्चा चाहे एक साल का हो या दस साल का या बीस साल का, हमें उन्हें उसी लगन और जिम्मेदारी से पढ़ाना है। हां, बोझ कम है।”

एक छात्रा के साथ भी वैसा ही चलता है स्कूल

शिक्षिका ने बताया कि तेलंगाना (Telangana) का यह स्कूल सुबह 9 बजे शुरू होता है, लड़की के माता-पिता उसे स्कूल छोड़ते हैं। फिर किसी भी दूसरे स्कूल की तरह कीर्तना और उसकी शिक्षिका प्रार्थना से दिन की शुरुआत करती हैं। इसके बाद पीरियड बदलते रहते हैं और कीर्तना को गणित, विज्ञान, ईवीएस जैसे सभी विषय पढ़ाए जाते हैं।

लेकिन लंच के समय उसे अकेले ही खाना और खेलना पड़ता है। कीर्तना अभी कक्षा 4 में है और कुछ और साल यहीं पढ़ती रहेगी। उसके पिता भी चाहते हैं कि गाँव का स्कूल बंद ना हो।

15 साल पहले स्कूल में थे 70 छात्र

शिक्षिका उमा ने बताया कि स्कूल हमेशा से ऐसा नहीं था। करीब 15 साल पहले इसमें 70 छात्र थे। लेकिन फिर जन्म दर में गिरावट और बच्चों के निजी स्कूलों में जाने के कारण, सरकारी स्कूल में सिर्फ एक छात्रा रह गई।

कीर्तना के भविष्य को ध्यान में रखते हुए, स्कूल को सिर्फ़ एक छात्रा के लिए खुला रखा गया है। तेलंगाना (Telangana) के इस स्कूल को चलाने में प्रति वर्ष लगभग 12 लाख रुपये का खर्च आता है। पंद्रह साल पहले, इसमें 70 छात्र थे।

अन्य स्कूलों की बढ़ोतरी के चलते हुआ नामांकन कम

वहीं शिक्षा अधिकारी ने कहा, “कम नामांकन का मुख्य कारण निजी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के प्रति बढ़ती प्राथमिकता और कक्षा 4 के बाद माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को राज्य द्वारा संचालित सामाजिक कल्याण आवासीय स्कूलों में दाखिला दिलाना है।” वर्तमान में स्कूल का प्रबंधन एक ही शिक्षक द्वारा किया जाता है, जो आवश्यक छात्र-शिक्षक अनुपात का पालन करता है।

माता-पिता को किया जा रहा है दाखिले के लिए प्रोत्साहित

तेलंगाना (Telangana) अधिकारियों का कहना है कि माता-पिता को अपने बच्चों को अगले शैक्षणिक वर्ष में दाखिला दिलाने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमें कम से कम 25 छात्रों के दाखिला लेने की उम्मीद है।

अधिक छात्रों को आकर्षित करने के लिए, स्कूल ने ‘वी कैन लर्न’ नामक एक कार्यक्रम शुरू किया है, जो अंग्रेजी और संचार कौशल को बेहतर बनाने पर केंद्रित है।

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