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भेड़-बकरी चराने वाला बना IAS Officer, स्कूल के बरामदे में पढ़ाई कर क्रैक किया UPSC एग्जाम 

A Sheep And Goat Herder Became An Ias Officer
A sheep and goat herder became an IAS officer

IAS Officer : अगर किसी ने अपना लक्ष्य तय कर लिया हो और उसे पाने के लिए पूरी लगन से दिन-रात मेहनत कर रहा हो तो शायद ही कोई ऐसा हो जिसे अपनी मंजिल ना मिले। चाहे हालात कितने भी खराब क्यों ना हों वह जो चाहता वह उसे मिलकर ही रहता है।

जी हां, कुछ ऐसा ही कर दिखाया है महाराष्ट्र के कोल्हापुर के एक गांव के लड़के ने। यह लड़का एक सामान्य परिवार से है जहां भेड़, बकरी और गाय चराने और पालने का काम होता है। एक चरवाहे का बेटा यूपीएससी पास कर आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बन चुका है।

भेड़ चराने वाले का लड़का बना IAS Officer

चाहे हालात कैसे भी हों, इंसान कड़ी मेहनत और संघर्ष से बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। यह पंक्ति भेड़पालक समुदाय से आने वाले बिरदेव सिद्दप्पा धोन के लिए एक दम सटीक बैठती है। आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बिरदेव का बचपन मुश्किलों से भरा रहा। गरीब परिवार, सीमित संसाधन और सिर्फ एक सपना- अफसर बनना।

पिता की तरह बिरदेव खुद भी मवेशी चराते थे। कभी पहाड़ों में भेड़ चराते हुए तो कभी स्कूल के बरामदे में बैठकर पढ़ाई की। तमाम मुश्किलों के बावजूद बिरदेव ने अपने सपनों को कभी मरने नहीं दिया। इसके साथ ही उन्होंने परीक्षा में 551 वीं रैंक हासिल कर सभी को चौंका दिया।

सिविल इंजीनियरिंग में किया है ग्रेजुएशन

बिरदेव का जन्म महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के यमगे गांव में हुआ था। वह एक पारंपरिक चरवाहा (धनगर) परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके परिवार में उनके माता-पिता और एक बड़ा भाई है। बिरदेव अपनी शिक्षा के बारे में कहते हैं,

‘मैंने अपने गांव के जिला परिषद स्कूल में दसवीं तक की पढ़ाई की। मैंने अपनी सीनियर सेकेंडरी की शिक्षा जय महाराष्ट्र हाई स्कूल से पूरी की।’

साल 2020 में इस आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) ने कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया।

डाकिए की नौकरी छोड़ देखा आईएएस बनने का सपना

पक्का घर ना होने की वजह से बिरदेव अपने स्कूल के बरामदे में ही पढ़ाई करते थे। साल 2020 से 2021 के बीच बिरदेव ने भारतीय डाक में पोस्टमैन के तौर पर काम किया। लेकिन सिविल सेवा का सपना हमेशा उनके दिल में था।

साधारण पृष्ठभूमि से होने के बावजूद उन्होंने आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) की तैयारी का जोखिम उठाया। उन्होंने डाकिया की नौकरी छोड़ दी। सिविल सेवा की तैयारी के लिए बिरदेव दिल्ली चले गए।

मित्र से आर्थिक मदद लेकर किया सपना साकार

आर्थिक रूप से कठिन इस फैसले में उनके एक मित्र ने उनकी मदद की। इस बार यह उनका तीसरा प्रयास था, जब उन्हें सफलता मिली। बिरदेव को उम्मीद है कि उन्हें प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवामें जाने का मौका मिलेगा।

हालांकि उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के साथ देश की सेवा करने में भी खुशी होगी। बिरदेव कहते हैं कि एक अधिकारी (IAS Officer) के तौर पर मैं लोगों की समस्याएं सुनना चाहता हूं।

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