Ind-Pak War : ऑपरेशन सिंदूर के बाद लगातार तीसरे दिन जम्मू-कश्मीर की अशांत सीमा पर पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी जारी रही। भारत और पाकिस्तान (Ind-Pak War) के बीच चल रहे तनाव के बाद शनिवार को संघर्ष विराम कर दिया गया था। इस संघर्ष विराम को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी, जिसका बाद में ऐलान किया गया।
हालांकि इसके बाद भी जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया। यही वजह है कि तनाव अभी भी बरकरार है।
संघर्ष विराम के बाद पाक की नापाक हरकत
संघर्ष विराम से पहले पाकिस्तानी हमले (Ind-Pak War) में 1 सुरक्षा अधिकारी और 7 अन्य जख्मी हो गए। इस बात की जानकारी जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से दी गई थी। 10 मई की सुबह करीब 5 बजे जम्मू शहर और अन्य इलाकों में पाकिस्तान की ओर से कई हमले किए गए।
इसके साथ ही एलओसी पर भी भारी गोलीबारी की गई। पाकिस्तानी हमले के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया था।
गोलीबारी में सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज शहीद
आरएस पुरा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों (Ind-Pak War) की भारी गोलीबारी में बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए। एक अधिकारी ने बताया कि वह सात अन्य लोगों के साथ घायल हो गए।
इम्तियाज की मौत हो गई लेकिन बाकी सभी ठीक हैं और उनका इलाज चल रहा है। इसका मतलब है कि बाकी घायल जवान खतरे से बाहर हैं और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने की सहायता
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गोलाबारी से प्रभावित रिहायशी इलाकों का दौरा किया और हाल ही में सीमा पार (Ind-Pak War) से हुई गोलाबारी में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवारों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
वहीं पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर लोगों से नष्ट हुए ड्रोन और मोर्टार के अवशेषों से दूर रहने को कहा। जम्मू शहर और संभाग के अन्य प्रमुख शहरों में सुबह पांच बजे विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं और सायरन बजने लगे। सीमा पार से भारी गोलाबारी के कारण सीमावर्ती इलाकों के निवासी रात भर जागते रहे।
आरएस पुरा सेक्टर में हुआ था हमला
गोलाबारी (Ind-Pak War) में बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया है। यह घटना आरएस पुरा सेक्टर में हुई। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उप निरीक्षक मोहम्मद इम्तियाज ने अग्रिम मोर्चे पर बहादुरी से बलों का नेतृत्व करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया।
अधिकारियों ने बताया कि राजौरी, जम्मू के अखनूर और कुपवाड़ा जिलों के विभिन्न सेक्टरों से भी गोलाबारी की खबर है। जिसके परिणामस्वरूप दर्जनों घरों को नुकसान पहुंचा है और फिर संवेदनशील (Ind-Pak War) इलाकों में लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े।
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